पुलिस पुराने अपराधियों के हुलिए से लुटेरों को तलाश की कोशिश भी कर रही है। लूट के बड़े मामलों में चालानशुदा अपराधियों व लुटेरों की स्थानीय स्तर पर मदद करने वालों को भी तलाशा जा रहा है। तकनीकी व विशेष टीमें तीन दिन से लुटेरों का पता लगाने में जुटी हैं। शहर के अलावा बाहरी राज्यों में भी टीमें गई हुई हैं।
Robbery: 27 किलो गोल्ड कोटा के इतिहास में सबसे बड़ी डकैती
आईजी विशाल बंसल व एसपी अंशुमान भौमिया के निर्देशन में 20 से अधिक पुलिस टीमें पहले दिन से ही लुटेरों की तलाश में जुटी हैं। सभी थानों की पुलिस, तकनीकी व स्पेशल टीमें जानकारियां जुटाने में लगी हैं। पुलिस अधिकारियों के नेतृत्व में कुछ टीमें जयपुर समेत राज्य के अन्य जिलों और बिहार व मध्यप्रदेश तक गई हुई हैं। लुटेरों के कोटा संभाग में कहीं छिपे होने व शरण लेने को देखते हुए भी पुलिस टीमें लगी हुई हैं। पुलिस की एक टीम अपराधियों के सीसीटीवी कैमरे में कैद हुलिए के आधार पर उनके स्कैच तैयार करने में लगी है।
ये कर रही तकनीकी टीम
सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग व फुटेज खंगाल रही।
लुटेरों की शहर में रुकने की संभावना को देखते हुए जानकारी जुटाई जा रही।
होटल्स व धर्मशालाओं से जुटा रही रिकॉर्ड
हुलिए के आधार पर तैयार करवा रही स्कैच
लुटेरों के फोटोग्राफ देशभर में किए जारी
होटल खंगाल रही
इधर, पुलिस लुटेरों के होटलों में ठहरने की संभावना पर उनका रिकॉर्ड खंगाल रही है, जबकि लुटेरे होटल में नहीं ठहरकर एक मकान में ठहरे। लुटेरों ने ऐसे इलाके का चयन किया जहां से वे पुलिस की निगाह में न आ पाएं और उन्हें शहर से भागने में भी आसानी हो। लुटेरे मंशा में कामयाब हो भी गए। लूट के कुछ देर बाद ही पुलिस को वारदात का पता चल गया। बाइक नम्बर व उनकी पहचान होने के बाद पुलिस ने तुरंत नाकाबंदी करवाई। फिर भी लुटेरे शहर से बाहर निकल गए। जाहिर है, नाकाबंदी में चूक बड़ी चूक रही।