अब कोटा के गांवों में ढूंढते रह जाओगे हाथ में लौटा
यह है मामला कम्पनी प्रतिनिधि का कहना है कि राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम मुख्यालय जयपुर का निजी कम्पनी से नॉन एसी स्लीपर बसों के लिए अनुबंध हुआ। उसी के तहत कम्पनी को दिसम्बर से कोटा से दिल्ली व दिल्ली से कोटा के बीच नॉन एसी स्लीपर बसें चलाने की अनुमति प्रदान की गई। ९ दिसम्बर को जयपुर मुख्यालय से आदेश जारी किए गए। उसी के बाद बसों को यहां से चलाया जा रहा है।
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नहीं चलने देंगे रोडवेज श्रमिक यूनियन के प्रदेश सचिव माधोलाल जाट ने बताया कि पहले से ही लगी अनुबंधित बसें घाटे का सौदा साबित हो रही हैं। हम इन बसों को कोटा डिपो से नहीं चलने देंगे। इससे पहले भी मुख्य प्रबंधक को ज्ञापन देकर समस्याओं से अवगत कराया लेकिन आश्वासन के सिवाए कुछ नहीं मिला। यदि जल्द ही समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन किया जाएगा। सड़कों पर रोडवेज बसों को चलने नहीं दिया जाएगा।
कोटा डिपो के मुख्य प्रबंधक रमेश चंद जांगिड़ ने बताया कि नॉन एसी स्लीपर बसें घाटे का सौदा साबित नहीं होंगी। कोटा महानगर है। जनप्रतिनिधियों की मांग के अनुसार ही इन बसों का प्रस्ताव जयपुर मुख्यालय भिजवाया था। अनुमति मिलने के बाद संचालन आदेश जारी किए हैं।