उल्लेखनीय है कि पहले वन विभाग की ओर से अनापत्ति प्रमाण पत्र के माग की गई, और पहले भी तीन बार निर्माण कार्य रुकवा दिया था। जिसके बाद बोरावास गांव में निर्माण कार्य शुरु किया। सार्वजनिक निर्माण विभाग के अनुसार निर्माण कार्य में अनियमितता की शिकायत मिलने पर विधायक मदन दिलावार ने निर्माण कार्य में आपत्ती जताई। ऐसे में लगातार उत्पन्न हो रही बाधाओं को देखते हुए सार्वजनिक विभाग इस कार्य रोकने का मन बना रहा है।
सार्वजनिक निर्माण विभाग अधीक्षण अभियंता हुकुमचंद मीणा ने बताया कि कोटा सीमा से बोरावास तक 28 किलोमीटर की सड़क निर्माण कार्य होना है। इसमें विभाग की ओर से पहले कोलीपुरा के यहां करीब 11 किलोमीटर लंबे सबसे ज्यादा खराब मार्ग पर सीसी सड़क बनाने का कार्य शुरू किया था। डीएफओ की ओर से निर्माण कार्य की स्वीकृति मांग कर काम रुकवा दिया। जबकि पहले भी यहां निर्माण कार्य के लिए मौखिक स्वीकृति दी थी। अब ऑनलाइन स्वीकृति की मांग होने से नए सिरे से दस्तावेज तैयार किए जा रहे है। इसमें भी काफी समय लगने का अनुमान है।
उल्लेखनीय है कि रावतभाटा से 50 किलोमीटर की न्यूनतम दूरी पर बड़ा शहर कोटा है। जिसके चलते इस मार्ग पर रोजाना 5 सौ से ज्यादा बड़े छोटे वाहनों की आवाजाही होती है। खस्ताहाल सडक़ की वजह से महज 50 किलोमीटर की दूरी तय करने में डेढ़ से दो घंटे का समय लग जाता है। बीच मार्ग में टूटी सड़कों युक्त विकट घुमावदार घाटी क्षेत्र में आए दिन वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो जाते है। वहीं चिकित्सकीय आपातकाल की स्थिति में समय रहते गंभीर मरीजों व प्रसूताओं को कोटा सुरक्षित कोटा पहुंचाना वाहन चालकों के लिए बड़ा ही चुनोतिपूर्ण साबित होता है। अगर 28 किलोमीटर की नई सड़क बनती है। तो इससे रावतभाटावासियों को बड़ी राहत मिलेगी।