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Big Dream : सरकार चाहे तो कोटा में बन सकती है 45 किमी लंबी रिंग रोड

खास खबर :
जयपुर-जोधपुर की तर्ज पर हमारे कोटा को भी चाहिए रिंग रोड
बाइपास तो बना रहे, लेकिन विजन में कब जुड़ेगी कोटा की रिंग रोडबाइपास निर्माण में रिंग रोड जैसा काम नहीं, जो बन रहा उसमें एकरूपता नहीं

कोटाDec 29, 2021 / 12:20 am

Kanaram Mundiyar

Big Dream : सरकार चाहे तो कोटा में बन सकती है 45 किमी लंबी रिंग रोड

Big Dream : सरकार चाहे तो कोटा में बन सकती है 45 किमी लंबी रिंग रोड

के. आर. मुण्डियार

कोटा.
राज्य के तीसरे बड़े शहर कोटा ने बीते दो दशक में तीव्र गति से विस्तार की ओर कदम बढ़ाए हैं। राजस्थान को सात राज्यों को जोडऩे वाला हाइवे व बाइपास भी कोटा से गुजर रहा है, लेकिन कोटा की विकास एजेंसियां रिंग रोड (Ring Road ) के विजन पर काम नहीं कर रही। कोटा शहर के तीन तरफ करीब 19 किलोमीटर लम्बाई तक बाइपास बना है, जो फोरलेन है, लेकिन नॉर्दन साइड में जयपुर रोड को बारां रोड बाइपास से सीधे जोडऩे की कनेक्टिविटी अधूरी है।
एक्सपर्ट के अनुसार नार्दन साइड में बारां रोड बाइपास के झालीपुरा से जयपुर रोड बाइपास के बल्लोप तक फोरलेन बनाकर सीधे जोड़ा जाएं तो यह दूरी करीब 26 किलोमीटर होगी। यदि ऐसा होता है तो 45 किलोमीटर लम्बाई का रिंग रोड बन सकता है। यह बात अलग है कि कोटा में विकास एजेंसी नगर विकास न्यास एवं सार्वजनिक निर्माण विभाग की योजना में रिंग रोड ( Kota’s Ring Road ) का कोई विजन नहीं है।

जयपुर व जोधपुर में रिंग रोड, तो कोटा में भी बननी चाहिए-

राज्य के जयपुर व जोधपुर में रिंग रोड निर्माण अन्तिम चरण में हैं। जोधपुर में फोरलेन व जयपुर में सिक्सलेन का रिंग रोड बन रहा है। उदयपुर में भी रिंग रोड प्रस्तावित है, लेकिन राज्य के तीसरे बड़े शहर कोटा व धार्मिक नगरी अजमेर सहित अन्य शहरों में रिंग रोड (Ring Road ) के विजन पर फोकस नहीं है।

ये एजेंसियां कर सकती है सपना साकार

पीडब्ल्यूडी, यूआईटी, एनएचएआई

अभी यह स्थिति-
जयपुर रोड बाइपास बल्लोप से हैंगिंग ब्रिज होते हुए बारां रोड बाइपास पर झालीपुरा तक फोरलेन बना हुआ है।

यह बनना है शेष
नॉर्दन बाइपास के रूप में बारां रोड झालीपुरा से बल्लोप तक फोरलेन सड़क बननी है। यह काम पूरा हो जाए तो कोटा के चारों तरफ रिंग रोड ( Kota’s Ring Road ) हो जाएगी।
रिंग रोड बनेगी तो यह मिलेगी राहत

-जयपुर की ओर से बारां बाइपास जाने के लिए वाले वाहनों को कोटा शहर से गुजरना नहीं पड़ेगा।
-बारां, अंता, सांगोद, इटावा से आने वाले वाहन भी बिना शहर से गुजरे सीधे जयपुर बाइपास व बूंदी रोड बल्लोप जा सकेंगे।
-कोटा शहर को भारी वाहनों के प्रवेश की परेशानी से निजात मिलेगी।
-कोटा में वाहनों का दबाव कम होने से प्रदषण कम होगा।

-कोटा की अन्य शहरों से कनेक्टिविटी सुगम होगी।

नार्दन बाइपास : 7 साल में 14 किमी सड़क पूरी नहीं कर पाया न्यास-
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से कोटा शहर को भारी वाहनों के दबाव को रोकने और आए दिन हो रहे हादसों से बचाने के लिए नॉर्दन बाइपास की योजना बनाई गई, जो कोटा बारां राष्ट्रीय राजमार्ग 27 को कोटा लालसोट मेगा हाइवे से जोड़ता है। इस बाइपास के निर्माण के लिए क्षेत्र के किसानों की जमीनें अवाप्त की गई। वर्ष 2013-14 में मंत्रालय ने इस कार्य की जिम्मेदारी नगर विकास न्यास कोटा को दी। न्यास ने इसका निर्माण प्रारम्भ किया था। इसी बीच किसानों और नगर विकास न्यास के बीच मुआवजे की राशि को लेकर विवाद हुआ। कुछ किसानों ने मुआवजा नहीं लिया था और उनके विरोध पर ही 2016 में प्रशासन ने बाइपास निर्माण कार्य बन्द कर दिया।
टू लेन को यदि फोरलेन बना दें तो रिंग रोड तैयार-

नॉर्दन बाइपास पर बारां रोड बाइपास झालीपुरा से जयपुर रोड बाइपास बल्लोप तक 26 किलोमीटर तक टू लेन की जानी है। न्यास की जिम्मेदारी में प्रथम चरण में 125 करोड़ की लागत से झालीपुरा से गामछ तक टू-लेन बननी है। जिसकी लम्बाई 14 किलोमीटर है। न्यास की ओर से 85 प्रतिशत काम पूरा कर लिया गया। अब 15 प्रतिशत यानि 2.1 किलोमीटर सड़क बनना शेष हैं। पीडब्ल्यूडी की जिम्मेदारी में द्वितीय चरण में गामछ से बल्लोप तक 12 किलोमीटर लम्बाई की टू-लेन बाइपास बनाना प्रस्तावित है। जानकारों का मानना है कि न्यास व निर्माण विभाग नॉर्दन बाइपास को टू-लेन को विस्तार देकर फोरलेन कर दें तो कोटा को स्वत: ही रिंग रोड ( Kota’s Ring Road ) का तोहफा मिल जाएगा।
आंकड़ों से समझें ऐसा हो रिंग रोड का विजन- 45 किलोमीटर की रिंग रोड-
-45 किलोमीटर की लम्बाई की फोरलेन से बन सकता है रिंग रोड

-19 किलोमीटर लम्बाई का फोरलेन बाइपास कोटा के तीन तरफ बना हुआ है
-26 किलोमीटर की लम्बाई पर फोरलेन बनना है शेष।
-7 साल से अधूरा है नॉर्दन बाइपास का काम, यदि यह पूरा हो तो कोटा बढ़ेगा रिंग रोड की दिशा में
-7 राज्यों को जोड़ता है कोटा से गुजर रहा राजमार्ग, इसलिए रिंग रोड बनेगी तो बढ़ेगी उम्मीद

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