जयपुर व जोधपुर में रिंग रोड, तो कोटा में भी बननी चाहिए- राज्य के जयपुर व जोधपुर में रिंग रोड निर्माण अन्तिम चरण में हैं। जोधपुर में फोरलेन व जयपुर में सिक्सलेन का रिंग रोड बन रहा है। उदयपुर में भी रिंग रोड प्रस्तावित है, लेकिन राज्य के तीसरे बड़े शहर कोटा व धार्मिक नगरी अजमेर सहित अन्य शहरों में रिंग रोड (Ring Road ) के विजन पर फोकस नहीं है।
ये एजेंसियां कर सकती है सपना साकार पीडब्ल्यूडी, यूआईटी, एनएचएआई अभी यह स्थिति-
जयपुर रोड बाइपास बल्लोप से हैंगिंग ब्रिज होते हुए बारां रोड बाइपास पर झालीपुरा तक फोरलेन बना हुआ है। यह बनना है शेष
नॉर्दन बाइपास के रूप में बारां रोड झालीपुरा से बल्लोप तक फोरलेन सड़क बननी है। यह काम पूरा हो जाए तो कोटा के चारों तरफ रिंग रोड ( Kota’s Ring Road ) हो जाएगी।
-बारां, अंता, सांगोद, इटावा से आने वाले वाहन भी बिना शहर से गुजरे सीधे जयपुर बाइपास व बूंदी रोड बल्लोप जा सकेंगे।
-कोटा में वाहनों का दबाव कम होने से प्रदषण कम होगा। -कोटा की अन्य शहरों से कनेक्टिविटी सुगम होगी। नार्दन बाइपास : 7 साल में 14 किमी सड़क पूरी नहीं कर पाया न्यास-
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से कोटा शहर को भारी वाहनों के दबाव को रोकने और आए दिन हो रहे हादसों से बचाने के लिए नॉर्दन बाइपास की योजना बनाई गई, जो कोटा बारां राष्ट्रीय राजमार्ग 27 को कोटा लालसोट मेगा हाइवे से जोड़ता है। इस बाइपास के निर्माण के लिए क्षेत्र के किसानों की जमीनें अवाप्त की गई। वर्ष 2013-14 में मंत्रालय ने इस कार्य की जिम्मेदारी नगर विकास न्यास कोटा को दी। न्यास ने इसका निर्माण प्रारम्भ किया था। इसी बीच किसानों और नगर विकास न्यास के बीच मुआवजे की राशि को लेकर विवाद हुआ। कुछ किसानों ने मुआवजा नहीं लिया था और उनके विरोध पर ही 2016 में प्रशासन ने बाइपास निर्माण कार्य बन्द कर दिया।
-45 किलोमीटर की लम्बाई की फोरलेन से बन सकता है रिंग रोड -19 किलोमीटर लम्बाई का फोरलेन बाइपास कोटा के तीन तरफ बना हुआ है
-26 किलोमीटर की लम्बाई पर फोरलेन बनना है शेष।
-7 राज्यों को जोड़ता है कोटा से गुजर रहा राजमार्ग, इसलिए रिंग रोड बनेगी तो बढ़ेगी उम्मीद