विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास के लिए लॉजिकल-थिंकिंग एवं एक्सपेरिमेंट-लर्निंग की महती आवश्यकता है। इस संबंध में सीबीएसई ने नोटिफिकेशन जारी किया। नोटिफिकेशन के अनुसार, ‘नो बैग डे’ के दौरान विद्यार्थी ऐतिहासिक, पर्यटन स्थलों, सांस्कृतिक केंद्रों, कला दीर्घाओं का भ्रमण करेंगे, ताकि व्यवाहारिक जीवन की वास्तविकताओं से रूबरू हो सकें। विद्यार्थी भ्रमण की विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करेंगे, ताकि स्वतंत्र तौर पर अवलोकन आधारित शिक्षा एवं लेखन प्रक्रिया को बढ़ावा मिले सके।
एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि इस नवाचार से विद्यार्थी क्लासरूम के बाहर की दुनिया को समझ सकेंगे। विद्यार्थियों में अवलोकन के आधार पर परिस्थितियों को समझने की क्षमता उत्पन्न होगी। विद्यार्थी श्रमदान कर श्रम के महत्व को समझ सकेंगे। ‘वोकल फोर लोकल’ को यथार्थता के धरातल पर लाने के लिए विद्यार्थी स्थानीय शिल्पकारों एवं कलाकारों से मिल सकेंगे। विद्यार्थी कॅरियर विकल्पों के बारे में भी विचार कर सकेंगे।
मौलिक कार्य सीखें विद्यार्थी
मृदा, जल एवं पेड़-पौधे अर्थात सॉइल, वाटर एन्ड प्लांट्स मानव जीवन के महत्वपूर्ण एवं मूलभूत हिस्से हैं। ‘नो बेग डे’ के दौरान विद्यार्थी सॉइल, वॉटर-टेस्टिंग व प्लांट आइडेंटिफिकेशन के दौरान ना सिर्फ विज्ञान को सीखे अपितु वे व्यापारिक ज्ञान भी हासिल कर सकें।