की 75.4 प्रतिशत तथा राजस्थान की 24.6 प्रतिशत हिस्सेदारी निर्धारित है।
बैठक में रखा था मरम्मत का प्रस्ताव
पिछले दिनों राजस्थान-मध्यप्रदेश अंतरराज्यीय नियंत्रण मंडल की तकनीकी कमेटी की बैठक में दायीं मुख्य नहर के मरम्मत का प्रस्ताव रखा था। दोनों राज्यों ने तय किया कि दायीं मुख्य नहर जो कोटा बैराज से निकलती है, मध्यप्रदेश तक 124 किमी तक जल प्रवाह किया जाता है। जिसमें एसई, सीएडी कोटा और एसई, एलसीसी मुरैना के संयुत निरीक्षण के बाद वार्षिक मरम्मत कार्य किया जाता है। वर्ष 2025-26 के लिए निर्माण कार्य जनवरी में संयुक्त निरीक्षण के बाद किया जाएगा।स्काडा के लिए एमपी ने दिया बजट
चंबल की नहरों में जल प्रवाह पर निगरानी रखने और जल विवाद नहीं हो, इसके लिए स्काडा सिस्टम लागू किया जाना है। मध्यप्रदेश ने इसके लिए अपने हिस्से की 1.50 करोड़ रुपए की राशि पहले ही जमा करवा दी है, लेकिन राजस्थान सरकार ने इस पर कोई कार्यवाही नहीं की है।नहर एक नजर
* 6200 क्यूसेक क्षमता दायीं मुख्य नहर की* 124 किलोमीटर लंबी है दायीं मुख्य नहर
* 3900 क्यूसेक जल प्रवाह मध्यप्रदेश का
* 2.50 लाख हैक्टेयर भूमि हाड़ौती की सिंचित
दायीं मुख्य नहर की मरम्मत व अन्य जरूरी विकास कार्यों के लिए मध्यप्रदेश से बजट मांगा है। राजस्थान ने अपने हिस्से का बजट दे दिया हैं।
- लखनलाल गुप्ता, अधीक्षण अभियंता, सीएडी वृत कोटा