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रेलवे ने शुरू की ऑनलाइन बिल ट्रेकिंग प्रणाली
बिलों की पड़ताल और निपटान में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए रेलवे ने अपने विक्रेताओं और ठेकेदारों के बिलों की ट्रेकिंग के लिए एक प्रणाली शुरू की है। किसी भी तरह के भुगतान को अधिकारी अनावश्यक न अटकाएं और गलत भुगतान नहीं हो, इसकी निगरानी के लिय यह कदम उठाया गया है। यह कदम पारदर्शिता बढ़ाने और प्रणाली को कारगर बनाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल करने की पहल है। इसके लिए विक्रेताओं, ठेकेदारों को एक ऑनलाइन सूचना प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्म पर पंजीकरण कराना होगा। इसका नाम भारतीय रेल ई-खरीद प्रणाली (आईआरईपीएस) रखा गया है।
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यह रहेगी सुविधापंजीकरण के बाद विक्रेताओं और एजेंसियों को अपने बिल की स्थिति की जानकारी प्राप्त करने में सुविधा होगी। इस प्लेटफाॅर्म के जरिए वे अपने बिलों के बारे में, रकम और पूरा ब्यौरा प्राप्त कर सकेंगे। विक्रेता जमा किए बिलों के पुराने विवरणों को भी जान सकेंगे। बिल ट्रेकिंग, सुविधा वस्तु एवं सेवाओं से संबंधित विक्रेताओं, ठेकेदारों के लिए उपलब्ध है। बिल की खामियों या चूक की जानकारी भी उपलब्ध रहेगी। सभी बिलों को प्राप्ति के 30 दिन के अंदर निपटा लिया जाएगा।