नंदादेवी एक्सप्रेस से कोटा आ रहे पार्षद अनिल सुवालका ने बताया कि वे दादी के अिस्थ विसर्जन के लिए हरिद्वार गए थे। लौटते समय भरतपुर के निकट ट्रेन तेज झटके के साथ धीरे-धीेरे रुक गई। गनीमत यह रही कि ट्रेन धीमी रफ्तार में थी, ऐसे में पटरी से नीचे नहीं उतरी, नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था।
एक्सप्रेस ट्रेन के दो हिस्से में बंटने की सूचना लगने पर रेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। अधिकारियों के निर्देश पर इंजन समेत अलग हुए हिस्से को वापस पीछे लाया गया और कटे हुए हिस्से से जोड़कर ट्रेन को रवाना किया गया। इस वजह से ट्रेन करीब पौन घंटे लेट हो गई। इसके चलते रेलमार्ग पर कुछ ट्रेनों को रोककर अलग ट्रैक से निकाला गया। इससे कुछ मालगाडि़यां व यात्री गाडि़यां लेट हो गईं।