जमीन का हो चुका आवंटन जानकारी के अनुसार जिला प्रशासन ने एमबीएस मार्ग नयापुरा क्षेत्र में 2007 में निजी बस स्टैंड के लिए भूखंड का आंवटित कर दिया था। इसमें 22 हजार 800 वर्गमीटर क्षेत्र में 90 गुना 120 वर्ग मीटर में निजी बस स्टैंड विकसित किया जाना था। तब के जिला कलक्टर आलोक ने निजी व कॉन्ट्रेक्ट कैरीज पर चलने वाली बसों की पार्किंग व यात्रियों को चढ़ाने तथा उतारने के लिए इस जमीन को अंकित किया था।
जिले में 450 बसें संचालित जानकारी के अनुसार जिले में 450 निजी बसों का संचालन किया जा रहा है। जबकि संभाग में करीब 750 बसों का संचालन हो रहा है। इन बसों से प्रतिमाह सरकार को एक करोड़ रुपए का राजस्व मिलता है। बस स्टैंड के लिए जब जमीन को अंकित किया गया था। तब जिले में 78 बस ऑपरेटर थे, अब इनकी संख्या 100 व संभाग में बस ऑपरेटरों की संख्या 150 से 250 तक पहुंच गई है।
जगह-जगह पार्किंग बस स्टैंड के अभाव में बस संचालकों ने जगह जगह स्टैंड बना लिए है। नयापुरा स्थित बस स्टैंड के पास, जवाहर नगर, झालावाड़ रोड, छत्रविलास उद्यान, अनंतपुरा, किशोरसागर के किनारे समेत कई जगहों पर बसों को खड़ी कर देते हैं। इसके चलते कई बार नयापुरा बस स्टैंड से सवारियोंं को उतार-चढ़ाव करने पर रोडवेज कर्मचारियों में विवाद भी हो जाता है, वहीं इससे यातायात भी प्रभावित होता है।
पार्किंग स्थल है, पर एलॉट नहीं 80 फीट चौड़े रोड पर न्यू बस टर्मिनल के पास निजी बसों के लिए पार्किंग स्थल बनाया था। यह काफी छोटा है। इसमें 40 बसों को भी खड़ा नहीं किया जा सकता। इसे अभी विधिवत रूप से बस ऑपरेटरों को सौंपा भी नहीं गया है।
अन्य जगहों पर भी हुई चर्चा जानकारी के अनुसार पूर्व में गत वर्ष विभिन्न मांगों को लेकर निजी बस ऑपरेटरों द्वारा की गई हड़ताल के बाद सीएडी ग्राउंड, संजय नगर, 80 फीट रोड समेत अन्य जगहों पर भी बस स्टैंड बनाने के प्रस्ताव दिए गए, लेकिन यह प्रस्ताव, प्रस्ताव ही बनकर रह गए।