सिलेंडर बम पर बैठे हैं कोटा
कोचिंग होस्टल के स्टूडेंट्स, आग लग जाए तो बचना दूर सांस भी नहीं ले पाएंगेसूचना पर उपखंड अधिकारी संजीव कुमार, पालिका अध्यक्ष धर्मेन्द्र आर्य, उपाध्यक्ष भरत पारेता, अधिशासी अधिकारी नरपत सिंह, तहसीलदार पीपल्दा ने मौके पर पहुंचकर कार्यकर्ताओं को समझाया एवं प्रवेश द्वार पर खड़े पिल्लरों को मशीन से हटाने का भरोसा दिलाया। बाद में अपर पुलिस अधीक्षक गोपालसिंह कानावत भी मय जाप्ते के यहां पहुंचे।
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यह है मामला धार्मिक स्थल के आगे सरकारी भूमि पर कराए जा रहे प्रवेशद्वार के निर्माण को रोकने की मांग को लेकर एक जनवरी को कार्यकर्ताओं ने नगरपालिका प्रशासन को ज्ञापन दिया था। पालिका ने कार्य रुकवा दिया, लेकिन सरकारी भूमि पर हो रहे अतिक्रमण को नहीं हटाया। कार्यकर्ताओं ने सरकारी भूमि पर बन रहे पिल्लरों को 24 घंटे में हटाने की मांग की थी। प्रशासन ने सात दिन में हटाने का आश्वासन दिया था। मंगलवार को कार्यकर्ताओं के रोष के कारण प्रशासन ने जेसीबी से पिल्लरों को हटाकर सामग्री को जप्त कर ली।
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देर रात तक करते रहे समझाइश एसपी ग्रामीण राजीव पंचार, एएसपी गोपाल सिंह कानावत, उपखंड अधिकारी संजीव कुमार शर्मा एवं थाना प्रभारी संजय रॉयल ने रात साढ़े नौ बजे तक संगठनों के कार्यकर्ताओं से कई बार बातचीत की, लेकिन कोई हल नहीं निकल पाया। तनावपूर्ण स्थिति के चलते इटावा के अलावा अयाना, खातौली, बूढ़ादीत, सुल्तानपुर व पुलिस लाइन से अतिरिक्त जाप्ता नगर में तैनात कर दिया गया है। वहीं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए अधिकारी इटावा में ही जमे हुए हैं। पुलिस ने अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं किया है। उक्त भूमि की पैमाइश कराई जाएगी।
कोटा ग्रामीण एसपी डॉ. राजीव पचार ने बताया कि निर्माण को लेकर विवाद हुआ था, जिसे एक दिन पहले ही हटा भी दिया था, लेकिन एक संगठन विशेष के लोग उसे देखने को लेकर अड़े हुए थे। उन्हें पुुलिस ने रोकने का प्रयास किया तो कुछ लोगों ने पथराव कर दिया था। जिन्हें पुलिस ने खदेड़ दिया।