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दूसरे मरीज का वेंटीलेटर लगाया शिवा की तबीयत जब ज्यादा खराब हुई और परिजनों की नाराजगी जताई तो डॉक्टरों ने दूसरे मरीज का वेंटीलेटर खोलकर लगाया, लेकिन थोड़ी देर बाद फिर वेंटीलेटर हटा दिया गया। इसके बाद एक और वेंटीलेटर पर रखा, लेकिन उसने काम नहीं किया। इस हालत में वहां खड़े चिकित्सकों ने शिवा को हाथों से एम्बू बैग से ऑक्सीजन दी, लेकिन शाम को उसकी मौत हो गई। युवती की मौत के बाद यहां परिजनों ने हंगामा कर दिया। सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंची। बाद में काफी समझाइश पर मामला शांत हुआ।
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पहले भी तीन बार बदले थे वेंटीलेटर आईसीयू में कुल 10 वेंटीलेटर हैं, लेकिन 2 ही सही तरीके से काम कर रहे हैं। बाकी के ऑक्सीजन पाइंट लीक हो रहे है और मॉनिटर भी खराब पड़े हैं। पिछले सालों में 4 नए वेंटीलेटर आए थे। उनमें से एक वेंटीलेटर पर यह युवती थी, लेकिन तकनीकी कारणों से एन वक्त पर ऑक्सीजन सप्लाई नहीं हो सकी। इन हालातों में मेडिसन वार्ड का आईसीयू जुगाड़ से चलाया जा रहा है। हाल ही में आईआईटीयन चैतन्य की तबीयत खराब होने पर तीन बार वेंटीलेटर बदले गए थे, लेकिन एक ने भी काम नहीं किया। आखिर चैतन्य की हालात गंभीर होती चली गई और आखिर में उसे अपनी जान गंवानी पड़ी।
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अब कर रहे कार्रवाई की बात मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. गिरीश वर्मा ने कहा कि युवती की तबीयत भर्ती होने के समय से ही उसकी हालत गंभीर थी। स्वाइन फ्लू रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। इस कारण उसे आईसीयू मेडिसन में भर्ती कराया गया था। वहां तकनीकी कारणों से वेंटीलेटर ने काम करना बंद कर दिया। इसकी प्रभारी व अधीक्षक से रिपोर्ट ली जाएगी। आईसीयू के सभी उपकरणों को सही करवाएंगे।