वर्कशॉप में ठीक करवाने के बाद वाहन की परेशानी दूर नहीं हुई। वाहन में अत्यधिक आवाज एवं परेशानी आने लगी। वाहन में गियर, लीवर, शोकर में आवाज व हैंडब्रेक काम नहीं करने पर 13 जुलाई 15 को शिकायत की तो वर्कशॉप पर 200 रुपए चार्ज ले लिया, जबकि उसकी वारंटी बाकी थी। परेशान होकर परिवादी ने दोषपूर्ण वाहन को बदल कर नया वाहन दिलवाने अथवा वाहन की कीमत ब्याज सहित व परिवाद व्यय की राशि अदा करवाने की आयोग से प्रार्थना की थी।
आयोग के अध्यक्ष रमेश चंद्र मीणा, सदस्य हेमलता विजयवर्गीय व हेमेंद्र नारायण द्विवेदी ने इस मामले में वादग्रस्त कार की मूल कीमत 4, 88,317 रुपए 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर सहित तथा शारीरिक व मानसिक संताप 25 हजार व परिवाद व्यय 10 हजार, कुल 35 हजार रुपए अदा करने के आदेश विपक्षी को दिए।