उन्होंने दरा में सॉफ्ट व हार्ड एनक्लोजर,सावन भादो डैम वन क्षेत्रों का निरीक्षण किया व अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक मीणा ने खुले क्षेत्रों से लैंटाना, कैसिया टोरा आदि हटाकर ग्रास लैंड डेवलपमेंट करने के निर्देश दिए। वन्यजीवों के लिए पानी की पूर्ति के स्त्रोत विकसित करने की भी उन्होंने आवश्यकता बताई।
मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक ने टाइगर रिजर्व में बसे ग्राम गिरधरपुरा दामोदरपुरा एवं मशालपुरा के विस्थापन को महत्वपूर्ण माना।उन्होंने बाघिन एमटी-4 की साइटिंग भी की। उसे सामान्य रूप से विचरण करते हुए देखा। मुख्य वन जीव प्रतिपालक द्वारा अधिकारियों को नियमित गश्त करने व जंगल व वन्यजीवों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा।
मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक के साथ मुख्य वन संरक्षक एवं क्षेत्र निदेशक सेडूराम यादव, उप वन संरक्षक बिजो जॉय, सहायक वन संरक्षक रणवीर सिंह भंडारी, सहायक वन संरक्षक विजय पाल, क्षेत्रीय वन अधिकारी उपस्थित रहे। इससे पहले मीणा ने रविवार को रामगढ़ का निरीक्षण किया था।