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हाड़ोती में 3 साल में 10 % बढ़े नए कैंसर रोगी, ऐसे हराया जा सकता है इस बीमारी को

National Cancer Awareness Day 2024: कोटा समेत हाड़ौतीभर में बहुत से ऐसे मरीज हैं, जिन्होंने समय पर उपचार लिया और रत्तीभर भी नहीं घबराए, इससे उन्होंने कैंसर पर जीत हासिल की और आज सामान्य जिंदगी जी रहे हैं।

कोटाNov 07, 2024 / 09:45 am

Akshita Deora

अभिषेक गुप्ता
कैंसर का नाम सुनकर ही अच्छे-अच्छे घबरा जाते हैं। इलाज के चक्कर में कई मरीज कर्ज में डूब जाते हैं। आर्थिक संकट से घिर जाते हैं, उनके घर बिक जाते हैं। परिवार बिखर जाते हैं। कैंसर का इलाज लम्बा और काफी पीड़ादायी होता है, इस कारण मरीज ही नहीं, परिजन भी परेशान होते हैं। मरीज को हर कीमो थैरेपी के बाद जिंदगी कम होती सी लगती है, लेकिन हर मरीज के साथ ऐसा नहीं है। यदि इस रोग से लड़ने के लिए मनोबल हो और जीने की तीव्र इच्छा हो तो कैंसर को भी हराया जा सकता है, कुछ मरीजों ने कैंसर जैसे भयावह रोग को हराया और दूसरे मरीजों के लिए मिसाल कायम की। कोटा समेत हाड़ौतीभर में बहुत से ऐसे मरीज हैं, जिन्होंने समय पर उपचार लिया और रत्तीभर भी नहीं घबराए, इससे उन्होंने कैंसर पर जीत हासिल की और आज सामान्य जिंदगी जी रहे हैं। राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस पर हम मिलवाते हैं ऐसे ही सर्वाइवर से जो दूसरे मरीजों के लिए प्रेरणास्रोत हैं।

बीमारी से डरें नहीं, समय पर इलाज कराएं


कोटा उम्मेदगंज कृषि फार्म में प्रो. रही वीना भटनागर बताती हैं कि उन्हें 24 साल पहले ब्रेस्ट कैंसर हुआ था। उस समय कैंसर नाम सुनकर डर लगा। परिवार में भी चिंता व्याप्त हो गई, लेकिन परिवार का सपोर्ट मिला और इलाज करवाया। एमबीएस अस्पताल में एक साल तक कीमो, रेडियो थैरेपी चली। उसके बाद ठीक हो गई। उनका मानना है कि कैंसर जैसी घातक बीमारी से डरें नहीं, समय पर इलाज कराएं तो बेहतर जिंदगी जी सकते हैं।
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अपना काम खुद कर सकती हूं


बूंदी जिले के इन्द्रगढ़ निवासी ग्यारसी बाई बताती हैं कि उन्हें फरवरी 2019 में ब्लड कैंसर हुआ था। तीन बच्चे हैं। ऐेसे में चिंता होना स्वाभाविक है। आधे समय तो यही सोचती रहती थी कि अब परिवार का आगे क्या होगा। बीमारी का नाम सुनकर बहुत डर लगा। चिंता बढ़ गई। पेट में भी तिल्ली की बीमारी हो गई। एमबीएस अस्पताल में जांच करवाई तो कुछ दवाइयां दी गई। उसके बाद अब ठीक हूं। अब मैं अपना काम खुद कर सकती हूं।

दवाइयां भी बंद हो चुकी


बारां जिले के मथुरालाल बताते हैं कि 2017 में गले में अचानक दर्द उठा। एमबीएस अस्पताल के कैंसर विभाग में जांच करवाई तो थाइराइड ग्रंथी का कैंसर निकला। इससे परिजनों में चिंता व्याप्त हो गई। परिजनों का सहयोग मिला और कुछ समय बाद ऑपरेशन हुआ। उसके बाद दवाइयां चलती रही, लेकिन अब पूरी तरह से स्वस्थ हूं। दवाइयां भी बंद हो चुकी हैं।
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3 साल में 10 फीसदी नए कैंसर रोगी बढ़े


पूरे हाड़ौती में बीते 3 साल में 10 फीसदी कैंसर रोगी बढ़ गए। 2023 में हाड़ौती में 2872 लोगों को कैंसर हुआ, जबकि 2022 में 2785 कैंसर मरीज सामने आए। इस गंभीर बीमारी के बीच लोग मन की शक्ति, नियमित उपचार व बेहतर दिनचर्या से जीवन की डोर थामे हुए हैं। देश में 7 नवम्बर को राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस मनाया जाता है। इस साल की थीम कैंसर की शुरुआती पहचान, रोकथाम और उपचार के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाना है। 2023 में देश में 14 लाख नए कैंसर रोगी डायग्नोसिस हो चुके हैं।

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