यहां नालियों में बिखरा पड़ा है सोना, किस्मत चमकाने मध्यप्रदेश से भी पहुंचे लोग…यकीन नहीं तो पढ़ लीजिए खबर
इस आधार पर पुलिस मध्यप्रदेश के शिवपुरी के ठहरदा गणशेजी गांव पहुंची। यहां पता चला कि केशव व सुमन दो-तीन वर्ष से छबड़ा के गांव भटखेड़ी में एक फार्म हाउस पर काम करते थे। भटखेड़ी पहुंचने पर पुलिस को केशव व सुमन के पड़ोस में राधेश्याम सहरिया उर्फ टुण्डा के रहने की जानकारी मिली। यहां सुमन व राधेश्याम के पुत्र संग्राम सिंह के बीच प्रेम संबंध बन गए। संग्राम सिंह कुछ समय पहले सुमन को लेकर भाग गया। इसके बाद दोनों सोगरिया गांव आ गए और मजदूरी करने लगे।
केशव को जब इसका पता चला तो वह दशहरे से एक दिन पहले पत्नी सुमन को खोजता हुआ सोगरिया पहुंचा। यहां पहुंचने पर केशव की संग्राम सिंह से कहासुनी हुई। जब केशव सुमन को ले जाने पर अड़ गया तो सुमन व सग्राम सिंह ने सोगरिया के सुनसान इलाके में ले जाकर लाठियों व पत्थरों से हमला कर उसकी हत्या कर दी और शव झाडिय़ों में छुपा दिया। हत्या के बाद सुमन व संग्राम फरार हो गए, जिन्हें बुधवार को रेलवे कॉलोनी क्षेत्र से गिरफ्तार किया। पुलिस ने बताया कि मृतक के माता-पिता की करीब 12 वर्ष पहले मौत हो गई थी, तभी से वह शिवपुरी के बड़ौदी गांव में मामा राजू सहरिया के साथ रहने लगा। मामा के यहां रहते हुए उसकी शादी सुमन से हुई थी।
यह था मामला
20 अक्टूबर को किसी ने पुलिस को सूचना दी कि सोगरिया के निकट रेलवे की जमीन पर युवक का शव पड़ा है। इस पर पुलिस व एफएसएल टीम मौके पर पहुंची। शव बरामद कर मोर्चरी में रखवाया। युवक के हाथ पर गुदे ‘केशव संग सुमनÓ व उसकी श्रमिक जैसी वेशभूषा के आधार पर पड़ताल शुरू की। पुलिस ने घटना स्थल, आस-पास, मध्यप्रदेश, झालावाड़ व बारां से मजदूरी करने आए श्रमिकों से पूछताछ की तो मामले का खुलासा हुआ।