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पहले मिली खुशियां फिर टूटा मुसीबतों का पहाड़, मुकुन्दरा हिल्स को अब संजीवनी की जरूरत

कोटा. मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व को संजीवनी की जरूरत है। करीब ढाई वर्ष पूर्व रणथंभौर के बाघ टी-91 ने जब छलांग लगाई थी तो हाड़ौती के वन्यजीव प्रेमियों की खुशियों का कोई ठिकाना नहीं रहा था,लेकिन गत दिनों में टाइगर रिजर्व के हालातों ने वन्यजीव प्रेमियों को चिंता में डाल दिया है।

कोटाOct 04, 2020 / 12:55 pm

Hemant Sharma

पहले मिली खुशियां फिर टूटा मुसीबतों का पहाड़, मुकुन्दरा हिल्स को अब संजीवनी की जरूरत

कोटा. मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व को संजीवनी की जरूरत है। करीब ढाई वर्ष पूर्व रणथंभौर के बाघ टी-91 ने जब छलांग लगाई थी तो हाड़ौती के वन्यजीव प्रेमियों की खुशियों का कोई ठिकाना नहीं रहा था,लेकिन गत दिनों में टाइगर रिजर्व के हालातों ने वन्यजीव प्रेमियों को चिंता में डाल दिया है। कुछ ही समय के अंतराल में टाइगर रिजर्व में आई खुशियों की हल्की बयार के बाद सन्नाटा है।
अभी टाइगर रिजर्व में एक बाघिन बीमार है जिसका अभेड़ा स्थित बायोलोजिकल पार्क में इलाज किया जा रहा है,वहीं बाघ के कई दिनों से नजर नहीं आने से शंकाए बनी हुई है। पर्यटन व पर्यावरण के क्षेत्रों मेंं कार्य करने वाली संस्थाओं के प्रतिनिधियों का मानना है कि टाइगर रिजर्व में फिर सेआबाद हो,लेकिन इससे पहले जो स्थितियां गत महीनों में पैदा हुई है, इनके कारणों की तह तक जाना चाहिएं ताकि भविष्य में टाइगर रिजर्व मेंं बाघ सुरक्षित रहेंव ऐसे दिन फिर देखने को नहीं मिले।

.ऐसे आबाद हुआ था टाइगर रिजर्व


रणथंभौर से निकलकर रामगढ़ पहुंचे बाघ टी-91 (अब बाघ-एमटी-1 )को तीन अप्रेल 2018 को मुकुन्दरा में छोड़कर टाइगर रिजर्व को आबद किया था। इसी वर्ष दिसम्बर में रणथंभौर से बाघिन को लाया गया। इसे एमटी-2 क्रमांक दिया। फरवरी2019 में रणथंभौर से निकला बाघ खुद मुकुंदरा हिल्स हिल्स आ पहुंचा। इसे एमटी- 3 क्रमांक दिया गया।
विभाग ने रणथंभौर से एक ओर बाघिन को लाकर इसकी जोड़ी बना दी। इस बाघिन को एमटी-4 क्रमांक दिया गया। इस तरह मुकुन्दरा हिल्स में बाधों के दो जोड़े रिजर्व हो गए। गत महीनों में बाघिन एमटी-2 ने दो शावकों को जन्म दिया। बाघिन एमटी-4 भी मां बनी। हालांकि इसके शावक सामने नहीं आए। केवल एक शावक कैमरा ट्रेप हुआ, लेकिन बाघिन एमटी-2 के दो शावक सामने आए गए।

फिर गिरी बिजली


3 अप्रेल 2018 से जून तक ख्ुशियों की बयार के बाद वन्यजीव प्रेमियों की उम्मीदें टूटती गई। टाइगर रिजर्व में बाघिन एमटी-4 के जोड़ीदार ने 23 जुलाई को संक्रमण के कारण दम तोड़ दिया। इसके महज 10 से 12 दिन के अंतराल में 82 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में बाघ एमटी-1 की जोड़ीदार बाधिन एमटी-2 की भी मौत हो गई। 3 अगस्त को इसका शव मिला था। इसका एक शावक गुम हो गया व दूसरा 18 अगस्त को इलाज के दौरान मर गया।बाघिन एमटी-4 के शावक तो सामने ही नहीं आए।

.यही उम्मीद


बाघ एमटी-1 को इसकी जोड़ीदार बाघिन की मौत के बाद देखा गया, लेकिन करीब डेढ़ माह से यह नजर नहीं आ रहा है। इससे बाघिन एमटी-4 भी गत दिनों से बीमार है। इसका अभेड़ा बायोलोजिकल पार्क में इलाज किया जा रहा है।

प्रे-बेस में वृद्धि,लाएं बाघ


इंटेक के कन्वीनर निखलेश सेठी के अनुसार टाइगर रिजर्व में ग्रासलेंड अच्छा है। पहले बाघिन का ठीक होने आवश्यक है। इसके बाद जिन कारणों से हालात पैदा हुए हैं,वे दूर हों फिर नए सिरे से बाघ लाकर टाइगर रिजर्व को फिर से आबाद करने की आवश्यकता है। यह हमारी उम्मीद है। टाइगर रिजर्व में तीन भागों में तीन जोड़ों को लाकर छोड़ा जा सकता है।
लोकल एडवाइजर कमेटी के सदस्य तपेश्वर सिंह भाटी भी मानते हैं कि पहले यह पता करने की आवश्यकता है कि टाइगर रिजर्व में कहीं कोई संक्रमण व बीमारी तो बाघों में घर नहीं कर रही। इसका समाधान ढूंढने के बाद टाइगर रिजर्व में अन्य जगहों से बाघ लाने के बारे में विचार हो, लेकिन जब तक बाघों की मौत के कारण का पता नहीं लग जाता व समाधान नहीं होता अन्य को लाकर छोडऩा भी ठीक नहीं है।
पगमार्ग फाउंडेशन के संयोजक देवव्रत हाड़ा मानते हैं कि बाघिन एमटी-4 के ठीक होने के बाद इसकी जोड़ी को फिर से बनाना चाहिए, वहीं अलग अलग स्थानों से बाघों को लाकर टाइगर रिजर्व को फिर से आबाद किया जाए। प्रे-बेस को बढ़ाने की भी आवश्यकता है। एक अन्य ने मॉनिटरिंग करने वाले कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने की आवश्यकता बताई।

फील्ड डारेक्टर का है कहना


मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व के फील्ड डारेक्टर एसआर यादव का कहना है कि सबसे पहले वर्तमान समस्याओं को हल करने के प्रयास कर रहे हैं।बाघिन का इलाज किया जा रहा है, यह स्वस्थ हो। अन्य बाघों की शिफ्टिंग की बात है, तो इस मामले में एनटीसीए व उच्च अधिकारियों के दिशा निर्देश के अनुसार कार्य करेंगे।एनटीए के प्रतिनिधि कुछ दिन पहले यहां का निरीक्षण करके गए हैं, वह प्राधिकरण के सामने अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे।

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