जानकारी के अनुसार, पीडि़त तुलसीराम कलाल ने पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया कि सोमवार दोपहर विजयप्रताप और उसके एक दर्जन से अधिक साथी वाहनों से घानाहेड़ा पहुंचे और घर में घुसकर मारपीट की। बीच बचाव में आई उसके छोटे भाई की पत्नी के साथ भी मारपीट की गई। दुकान पर तोडफ़ोड़ कर खेत में पहुंचकर उसकी मां के साथ अभद्रता की।
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पीडि़त तुलसीराम कलाल का कहना है कि विजयप्रताप कनवास क्षेत्र में बजरी का अवैध खनन करता है और बजरी परिवहन करने वाले लोगों पर बजरी उससे ही लेने का दबाव बनाता है। तुलसीराम का छोटा भाई घनश्याम भी रेत का परिवहन करता है। घनश्याम ने किसी दूसरे खननकर्ता से बजरी ले ली तो विजयप्रताप ने यह वारदात की। पुलिस ने उसकी रिपोर्ट पर विजयप्रताप समेत 15-20 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
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विधायक ने थाने पर दिया धरना
तुलसीराम के साथ हुई वारदात का पता चलने पर विधायक हीरालाल नागर ने पुलिस अधिकारियों को सूचना दी और वे स्वयं थाने पहुंच गए और कार्यकर्ताओं के साथ करीब साढ़े छह बजे धरना देकर बैठ गए। सूचना पर कोटा से एडिशनल एसपी गोपाल सिंह भी सांगोद पहुंचे और कार्यकर्ताओं से बातचीत की, लेकिन वे आरोपित की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े रहे।
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लगाए आरोप
धरने पर बैठे कार्यकर्ताओं ने विजयप्रताप पर कांग्रेस नेताओं से सांठ गांठ कर रेत का अवैध कारोबार करने व पुलिस व खनिज विभाग के अनजान बने रहने के आरोप लगाए। इस बीच एडिशनल एसपी गोपाल सिंह और सांगोद एसडीएम कमल कुमार मीणा ने समझाइश जारी रखी। अधिकारियों ने दो दिन में आरोपितों की गिरफ्तारी व अवैध खनन पर कार्रवाई का आश्वासन दिया। इसके बाद रात करीब साढ़े आठ बजे धरना समाप्त किया गया। विधायक ने चेतावनी दी कि 14 मार्च शाम तक कार्रवाई नहीं हुई तो 15 मार्च को फिर कार्यकर्ता सांगोद में जुटेंगे। जरूरत पड़ी तो हाड़ौती के सभी विधायकों और कार्यकर्ताओं को जमा कर सांगोद बन्द किया जाएगा।
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कोटा यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष विजयप्रताप सिंह ने बताया कि तुलसीराम और उसके परिजनों का गांव में आतंक है। आए दिन शराब पीकर ग्रामीणों को परेशान करते हैं। रेत खनन और परिवहन में भी दादागिरी करते हैं। मैं तुलसीराम और घनश्याम को समझाने गया था। मारपीट नहीं की। बजरी के अवैध खनन से मेरा कोई वास्ता नहीं है।