जानकारी के अनुसार कोटा दक्षिण में निर्दलीय पार्षद लेखराज को लेकर भाजपा व कांग्रेस के बीच घमासान मचा था। लेखराज के पिता ने अपने पुत्र के अपहरण को लेकर पुलिस थाने में शिकायत दी थी। कांग्रेस ने इसको मुद्दा बनाते हुए भाजपा को घेरा था। मंगलवार को बाड़ेबंदी के पार्षदों को जब महापौर चुनाव के मतदान के लिए लाया गया, तब कांग्रेस के समर्थक निर्दलीय पार्षद लेखराज को भाजपा की बस से नीचे उतारने के लिए अड़ गए।
कांग्रेसियों का आरोप था कि भाजपा ने दबावपूर्वक निर्दलीय को अपने कब्जे में ले रखा है, इनको बस से नीचे उतारा जाएं। इस दौरान पार्षद लेखराज के परिजन भी मौके पर आ गए और अपने बेटे से मिलने की जिद करने लगे। परिजन ने बेटे का अपहरण करने का आरोप लगाया। पुलिस ने मतदान से पहले किसी को पार्षद से मिलाने का इनकार कर दिया। भाजपा के कार्यकर्ता निर्दलीय को सीधे मतदान के लिए लेे जाने के लिए दबाव बना रहे थे। जबकि कांग्रेस कार्यकर्ता इस मांग पर अड़े थे कि पार्षद को उनके परिजन से मिलने दिया जाएं। जोर आजमाइश में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का हुजूम बस के सामने पहुंच गया। पार्षद को मतदान केन्द्र तक नहीं पहुंचने देने की स्थिति में पुलिस भीड़ को हटाने लगी। इस पर भीड़ में शामिल लोग अधिक उग्र हो गए। स्थिति को काबू पर पाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। महापौर चुनाव के दौरान सैकड़ों लोग नगर निगम भवन से लेकर सीएडी सर्किल तक जुटे रहे। पुलिस ने उनको खदेडऩे में खासी मशक्कत करनी पड़ी। घायल कांग्रेस कार्यकर्ताओं को उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया। लाठीचार्ज के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं के अलावा कुछ भाजपा समर्थकों को भी हल्की चोटें आई हैं।
मीडियाकर्मी भी हुए घायल
नगर निगम चुनाव का कवरेज कर रहे मीडियाकर्मी भी पुलिस के लाठीचार्ज की चपेट में आ गए। कुछ मीडियाकर्मियों को भी सिर पर चोटें आई हैं। कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं के सिर पर गंभीर चोटेें आई। कुछ कांग्रेसियों के सिर खून से लथपथ नजर आए।