प्रेस वार्ता कर दी यह जानकारी हाड़ौती
कोटा स्टोन इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मंगलवार को पत्रकार वार्ता में कोटा स्टोन पर कैसे कर की विसंगतियां चल रही है, इसके बारे में बताया। एसोसिएशन के अध्यक्ष छुट्टन लाल शर्मा व संस्थापक अध्यक्ष राजेश गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कोटा प्रवास के दौरान कोटा स्टोन पर पांच प्रतिशत जीएसटी कराने की बात कही थी। इसके बाद वाणिज्यिक कर विभाग की ओर से भेजे गए पत्र में भी कोटा स्टोन पर 5 प्रतिशत ही जीएसटी लागू करने की बात की थी।
संशय की स्थिति बनी हुई है केन्द्र सरकार के कर संबंधित एचएसएन कोड 2515 में भी पांच प्रतिशत ही जीएसटी का हवाला दिया गया है, फिर क्यों अधिकारी कोटा स्टोन जीएसटी की 5 और 18 प्रतिशत की श्रेणी में रख रहे हैं। जब अधिकारियों से लिखित में आदेश मांगा जाता है तो किसी भी प्रकार का पत्र देने से मना कर देते हैं। उन्होंने बताया कि किस दर में बिल काटा जाए, इसको लेकर संशय बना हुआ है।
सम्बल नहीं दिया तो बंद हो जाएगा कारोबार एसोसिएशन के महासचिव मुकेश त्यागी ने कहा कि जीएसटी की विसंगति से कोटा स्टोन उद्योग खत्म होने की कगार पर है। यदि सरकार ने जल्द इस उद्योग को सम्बल नहीं दिया तो बंद हो जाएगा। मौजूदा विसंगतियों में कारोबार नहीं कर सकते हैं, सरकार को पत्थर इकाइयों की चाबियां सौंप देंगे।
मुख्यमंत्री के समक्ष रखेंगे मांग एसोसिएशन के एडवाइजरी बोर्ड के चेयरमैन दिनेश भारद्वाज व निर्वाचित अध्यक्ष अचल पोद्दार ने कहा कि कुछ समय से कोटा स्टोन को खत्म करने की साजिश चल रही है। उच्च स्तर पर कुछ लॉबिंग इस तरह का काम कर रही है। जीएसटी, रॉयल्टी के संबंध में कोटा, रामगंजमंडी, झालावाड़ के पत्थर व्यवसायी मुख्यमंत्री से बात करेंगे।
आंध्रप्रदेश में 5 प्रतिशत एसोसिएशन के संरक्षक विकास जोशी ने कहा कि आंध्रप्रदेश में भी कोटा स्टोन की तरह लाइम स्टोन निकलता है। वहां के स्टेट टैक्स के मुख्य आयुक्त ने आदेश जारी कर नापा स्टोन एचएसएन कोड 2515 के तहत जीएसटी 5 प्रतिशत ही रहेगा। यह पत्थर कोटा स्टोन के समान है। इसलिए यहां भी पांच प्रतिशत जीएसटी रखा जाए।