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सुनाई पड़ता है सिर्फ रिकॉर्डिड टेप राजस्थान पुलिस के आला अधिकारी सूचना मिलते ही जनता तक पहुंचने का दावा करते थक नहीं रही। एक तरप तो हर क्राइम मीटिंग में रेस्पोंस टाइम को कम करने की बात होती है, लेकिन वहीं दूसरी तरफ हालत यह है कि लोगों के पास पुलिस तक सूचना पहुंचाने व जानकारी देने का जरिया ही नहीं है। आमजन और पुलिस के बीच तत्काल संवाद का एकमात्र जरिया थाने का फोन होता है, लेकिन कोटा के करीब एक तिहाई थानों के फोन ही लंबे समय से बंद पड़े हैं। इन थानों में फोन करने पर पुलिसकर्मी की जगह दूरसंचार विभाग के टेप सुनाई पड़ते हैं। कभी नंबर के व्यस्त होने तो कभी अस्थाई रूप से फोन कटे होने की आवाज सुनाई दे रही है। हालात यह है कि पुलिस कंट्रोल रूम का नंबर डायल करने पर वह भी अक्सरकर व्यस्त ही बताता है।
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इन थानों की नहीं बजती घंटी लोगों की शिकायतों के बाद जब पत्रिका संवाददाता ने हकीकत जाननी चाही तो हैरत में पड़ गए। कोटा के 18 में से 6 थानों के फोन कटे हुए हैं। इनमें दादाबाड़ी, किशोरपुरा, नयापुरा व रामपुरा थानों के नम्बर पर फोन करने पर यही सुनाई देता है कि इस नम्बर की सेवाएं कुछ समय के लिए हटा ली गई हैं। वहीं अनंतपुरा थाने का फोन नम्बर तो अस्तित्व में नहीं है, जबकि रेलवे कॉलोनी थाने का फोन नम्बर दो दिन से व्यस्त बता रहा है।
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शुरू होने से पहले ही बंद हो गए 90% कैमरे कोटा पुलिस को हाईटेक बनाने के दावों के बीच राजस्थान की मुख्यमंत्री और गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने जोर-शोर से 18 अगस्त को अभय कमांड सेंटर का उद्घाटन किया था। सीएम ने दावा किया था कि इस हाईटेक पुलिस कंट्रोल रूम से पूरे शहर के चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा सकेगी और कोई अपराधी पुलिस की आंख से बच नहीं सकेगा। दो महीने बाद जब अभय कमांड सेंटर की पड़ताल की गई तो पता चला कि इससे जुड़े सीसीटीवी कैमरे और कंप्यूटर शुरू होने से पहले ही बंद हो गए हैं।