प्रोजेक्ट से यह लाभ होगा क्षेत्र में जितने भी न्यूरो रोगी हैं उनका सबका पता लगाया जाएगा और रिसर्च की जाएगी। इसके लिए फील्ड में भी विशेषज्ञ तैनात किए जाएंगे। इससे राज्य सरकार और केन्द्र सरकार को स्वास्थ्य की कार्य योजना बनाने में मदद मिलेगी। न्यूरो से जुड़ी किस-किस तरह की बीमारियों के कितने रोगी हैं, इसका डाटा तैयार होगा। कोटा मेडिकल कॉलेज को राष्ट्रीय स्तर पर योगदान करने का मौका मिलेगा।
तीन साल के प्रोजेक्ट के लिए मिलेगा फंड इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की ओर से कोटा मेडिकल कॉलेज के न्यूरोलॉजी विभाग को फंड मिलेगा। तीन साल में पूरा होने वाले इस प्रोजेक्ट पर करीब 60 लाख रुपए खर्च होने की संभावना है। अभी न्यूरो रोगियों की वास्तविक संख्या का पता नहीं होने के कारण उपचार की विस्तृत कार्य योजना नहीं बन पा रही है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने पर उपचार में मदद मिलेगी।