नयागांव में बुधवार को कथावाचक आयुष गौतम ने व्यासपीठ से रामकथा के प्रसंग में श्रीराम, लक्ष्मण, भरत व शत्रुघ्न का जन्म व उनकी बाल लीलाओं का वर्णन सुनाया गया। वहीं राक्षसों के वध के प्रसंगों ने भी रोमांचित कर दिया। उन्होंने कहा कि श्रीरामकथा मनमोहक, भवभयतारक व मर्यादापूर्वक मानव जीवन जीने का प्रधान साधन है। श्रीराम बाल्यावस्था से ही बड़े ही तेजस्वी थे। वे बाल लीला से वे सबको आनंदित करते रहते थे।
उन्होंने कहा कि बड़े पुण्य कर्मों से मानव जीवन प्राप्त हुआ है। इसका अधिक से अधिक अच्छे कार्यों में सदुपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मर्यादा भगवान पुरुषोत्तम राम के आदर्शों का सदैव अपने जीवन में समावेश करना चाहिए। रामचरित्र मानव की प्रत्येक चौपाई में कुछ न कुछ जीवन को सफल बनाने की बातें लिखी हुई हैं।
प्रभु श्रीराम जैसा लोक व्यवहार और ज्ञाता इस धरती पर आज तक कोई नहीं हुआ। राम के लिए राज्य छोड़कर जंगल जाने का वरदान मांगने वाली कैकेयी के प्रति राम के मन में कभी कोई दुर्भाव नहीं रहा। उनका जीवन मानवीय मूल्यों की सीख देता है।
कथा सुनाने के दौरान उन्होंने संगीतमयी प्रस्तुति के जरिए श्रद्धालुओं से जय श्रीराम, जय श्रीराम का जयकारा लगवाया। उन्होंने ठुमक चलत रामचंद्र बाजत पैंजनियां… भी गाकर भक्तों को प्रभु की बाल लीलाओं पर मंत्र मुग्ध कर दिया।
यहां हो रही रामकथा
नगर निगम की ओर से शहर में सात स्थानों पर नयागांव, मानपुरा, रामानंद आश्रम, रणबंका चौराहा यूआईटी ग्राउंड, केशवपुरा, मंशापूर्ण बालाजी मंदिर शिवपुरा, ओंकारेश्वर महादेव मंदिर विवेकानंद नगर, बाबा रामदेव मंदिर ग्रामीण पुलिस लाइन पर कथा हो रही है।