इसमें दशहरा मैदान को भारत मंडपम की तर्ज पर विकसित करने का प्लान तैयार करवाने के भी निर्देश दिए गए थे। अब दशहरा मैदान के द्वितीय और तृतीय चरण की नए सिरे से परियोजना तैयार की जा रही है। साथ ही प्रथम पेज के कार्यों को भी नया लुक दिया जाएगा। दशहरा मैदान 39.81 हैक्टेयर में फैला हुआ है। इसे दिल्ली के प्रगति मैदान की तर्ज पर विकसित करने का काम 2017 में शुरू हुआ था। करीब 49 करोड़ की लागत से पहले चरण का काम पूरा हो चुका है। परियोजना की कुल लागत 175 करोड़ आंकी गई थी।
ठण्डे बस्ते से बाहर आएगा दूसरा फेज
दशहरा मैदान को तीन चरणों में विकसित किया जाना था। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत दूसरे चरण का काम भी होना था। इसकी डीपीआर भी तैयार हो गई थी। पिछले कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने द्वितीय चरण के कामों का वर्चुअल शिलान्यास भी किया था, लेकिन पूर्ववर्ती सरकार ने इस प्रोजेक्ट का ठण्डे बस्ते में डाल दिया था। विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इसको मुद्दा भी बनाया था। कैसा है भारत मंडपम भारत मंडपम के निर्माण पर करीब 750 करोड़ रुपए खर्च हुए। 123 एकड़ में फैला हुआ है। देश के सबसे बड़े कन्वेंशन सेंटर में 10000 लोगों के बैठने की क्षमता।
तीन फ्लोर हैं। हर फ्लोर पर भारतीय संस्कृति की छाप। एक हॉल ऐसा भी बनाया गया है, जिसमें एक साथ 7 हजार लोग बैठ सकते हैं। ओपन एम्फीथिएटर भी बने हुए हैं। इनमें एक बार में 3 हजार से अधिक लोग बैठ सकते हैं।
वीआईपी लॉन्ज एरिया भी हैं।
अभी दशहरा मैदान का उपयोग केवल दशहरा मेले के लिए
दशहरा मैदान को भारत मंडपम की तरह विकसित किया जाएगा। जिससे शहर में बड़े कार्यक्रम, कॉन्फ्रेंस, सम्मेलन हो सकेंगे। वर्षपर्यन्त कार्यक्रम होने से निगम को आय भी हो सकेगी। अभी दशहरा मैदान का उपयोग केवल दशहरा मेले के दौरान ही हो पाता है।- ओम बिरला, लोकसभा अध्यक्ष