सरकार बदलने के बाद ठण्डे बस्ते में दबी घोटालों की फाइलों की धूल हट गई है, लेकिन गुंजल की दबंगई के कारण डेयरी के अधिकारी जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और जांच अधिकारी रिकॉर्ड नहीं दे रहे हैं। भाजपा शासन में ही एसीबी के महानिरीक्षक ने परिवाद दर्ज कर मामले की विभागीय जांच के लिए राजस्थान को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड को पत्र भेज दिया था।
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फेडरेशन ने 10 सितम्बर 2018 को कोटा के सहकारिता विभाग के अतिरिक्त रजिस्ट्रार को पत्र भेजकर सहायक रजिस्ट्रार राजेश मीणा को जांच अधिकारी लगाकर 15 दिन में जांच कर रिपोर्ट भेजने को कहा था, लेकिन प्रभाव के चलते जांच को अधिकारियों ने दबा दिया था। फेडरेशन ने 17 बिन्दुओं पर जांच के आदेश दिए थे। इसमें वित्तीय गबन समेत डेयरी को नुकसान पहुंचाने, दूध में घालमेल करने तथा डेयरी की सम्पत्ति का निजी उपयोग करने की शिकायत है। जांच अधिकारी ने डेयरी प्रबंधन को हाल में पत्र भेजकर जांच के लिए पूरा रिकॉर्ड उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।
भतीजा ही लैब प्रभारी!
एसीबी में दी शिकायत के अनुसार, अध्यक्ष गुंजल ने भतीजे रूपचंद गुर्जर को लैब इंचार्ज के रूप में डेयरी में लगा रखा है और दूध के सेम्पल में हेराफेरी करवाकर चहेती सोसायटी के दूध की मात्रा व गुणवत्ता की उच्च स्तरीय रिपोर्ट बनाई जाती है। साथ ही कम तोल, माप को पूरा करने के लिए राजकीय अवकाश के दिन में डेयरी से सिटी सप्लाई के लिए बनाए गए दूध निर्धारित मात्रा से कम मात्रा में पैकिंग की जाती है। छाछ पैकिंग में भी घालमेल किया जाता है।
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डेयरी के एमडी को जांच से संबंधित पूरा रेकॉर्ड उपलब्ध कराने को कहा है, लेकिन वह रेकॉर्ड नहीं दे रहे हैं। कुछ दिनों पहले अधूरा रेकॉर्ड दिया है, इस कारण जांच पूरी नहीं हो पा रही है। 17 बिन्दुओं पर जांच की जा रही है। रिकॉर्ड के लिए दुबारा पत्र लिखा गया है।
राजेश मीणा, जांच अधिकारी व सहायक रजिस्ट्रार सहकारी समितियां कोटा