मनचलों की नकेल कस रही महिला पुलिस की सिग्मा
पर्ची से होगी जेल की मुखबिरी जेल में जाए बिना वहां की खामियां अब बाहर आ जाएंगी। जेल प्रशासन की अराजकता हो या फिर कैदियों के बदत्तर हालत जिला विधिक प्राधिकरण को इसकी तुरंत खबर लग जाएगी। वह भी किसी कैदी का नाम सामने आए बिना। जेल की मुखबिरी का काम यहां लगने वाली शिकायत पेटी करेगी। जिसमें कैदी गोपनीय तरीके से अपनी पर्ची डालकर सारी जानकारी दे सकेंगे। प्राधिकरण के पूर्ण कालिक सचिव प्रमोद कुमार शर्मा ने बताया कि जेल में प्राधिकरण की ओर से शिकायत पेटी रखवाई गई है। इसमें जिन बंदियों को जेल संबंधी कोई शिकायत या यहां की कमियां व खुद की कोई पीड़ा होगी तो वह लिखित में इसमें डाल सकेंगे। अक्सर बंदी पीड़ा या शिकायत जेल प्रशासन को नहीं बता पाते। साथ ही, निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को भी कुछ नहीं कह पाते। इस पेटी से वह अपनी बात प्रशासन तक पहुंचा सकेंगे। प्राप्त शिकायतों को गुप्त रखा जाएगा। उन्हें जेल प्रशासन नहीं देख सकेगा। शिकायत पेटी की चाबी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यालय में रहेगी। निरीक्षण के दौरान उन शिकायतों का समाधान किया जाएगा। शिकायत लिखने के लिए पेटी के पास कागज-पेन रखने के निर्देश दिए हैं।
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जेल के डॉक्टर भी रहते हैं गायब प्राधिकरण के अध्यक्ष जिला एवं सत्र न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह डड्ढा के नेतृत्व हुए निरीक्षण के दौरान रसोईघर में चारों तरफ गंदगी फैली हुई थी। गंदगी के बीच ही खाना बन रहा था। नलों की टूंटियां गायब होने से पानी टपक कर बर्बाद हो रहा था। डिस्पेंसरी में डॉक्टर पूरे समय नहीं बैठ रहे। इससे बीमारों का उपचार नहीं हो रहा। जानकारी करने पर पता चला कि जेल की डिस्पेंसरी में डॉक्टर पूरे समय नहीं बैठते। एक-दो घंटे की बैठकर चले जाते हैं। ऐसे में जेल अधीक्षक को निर्देश दिए हैं कि रसोई की गंदगी को साफ कराया जाए, नलों से पानी नहीं टपके इसके लिए एक निधारित समय के लिए पानी चालू किया जाए। डिस्पेंसरी में डॉक्टरों के बैठने का समय निर्धारित कर वहां सूचना लगाई जाए।