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छात्राओं ने बताया कि आईटी ट्रेड में द्वितीय सेमेस्टर में 23 व ब्यूटीशियन में 25 छात्राएं, तृतीय सेमेस्टर की आईटी की 22 व ब्यूटीशियन की 25 छात्राएं व चौथे सेमेस्टर की भी कुछ छात्राएं समेत कुल 100 में से 100 छात्राएं फेल कर दी गई। छात्राओं के सभी विषयों में जीरो नम्बर दिए गए।इस खस्ता हाल बस स्टैण्ड की कमाई जानकर आप रह जाएंगे हैरान
चार साल से लगातार खराब परिणाम
छात्राओं का कहना है कि चार साल से आईटीआई कॉलेजों का परीक्षा परिणाम खराब आ रहा है, लेकिन हर बार फिर सुधार के आश्वासन मिलते है, लेकिन सुधार नहीं होता। दोबारा विद्यार्थियों को परीक्षा देनी पड़ती है। ऐसे में विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर लगा रहता है। इसी के चलते इस बार आईटी ट्रेड में किसी ने एडमिशन नहीं लिया।
बढ़ा दी फीस छात्रा ज्योति का कहना है कि हर साल पेपरों में बैक दे दी जाती है। ओआरएम शीट जांच के लिए राशि भी पांच सौ से बढ़ाकर सात सौ रुपए कर दी है। ऐसे में गरीब छात्राओं पर आर्थिक बोझ पड़ रहा है।
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तीन बार टॉप, अब फेल
छात्रा सारिका सैनी ने बताया कि सरकार की ओर से कॉलेजों में स्थायी शिक्षक नहीं लगा रखे है। गेस्ट फे कल्टी के शिक्षक लगा रखे है। कॉलेज की तरफ से बुक नहीं दी जाती है। नेट से बुक के सेट निकालकर पढ़ाई करते है। ऐसे में तीन बार कॉलेज टॉप किया है, लेकिन इस बार फेल कर दिया। आईटीआई उपनिदेशक अशोक शर्मा का कहना है कि महिला आईटीआई कॉलेज में आईटी व ब्यूटीशियन ट्रेड में सभी छात्राएं फेल हो गई है। छात्राओं के दोबारा परिणाम सुधार के लिए जोधपुर लिखकर भेजा जाएगा।