यह कहते हैं प्रावधान निगम सूत्रों का कहना है कि प्रावधानों के तहत तो निगम की विजीलेंस टीम मौके पर पहुंचती है। घर व प्रतिष्ठान के विद्युत कनेक्शन की जांच करती है। इस दौरान एक चैकिंग अधिकारी के साथ दो कर्मचारी रहते हैं। अवैध रूप से बिजली लेकर चोरी, कटे हुए कनेक्शन के चालू हालत में मिलने आदि की फोटोग्राफी व मौका स्थिति के साक्ष्य लेते हैं। इसके बाद सम्बंधित उपभोक्ता को जानकारी दी जाती है, कि कितना अवैध विद्युत उपभोग किया जा रहा है। इसके बाद उपभोग किए जा रहे विद्युत भार की वीसीआर भरकर मौके पर उपभोक्ता को उपलब्ध कराई जाती है।
ऐसा हो रहा है मौके पर प्रावधान कुछ भी कहते हों, लेकिन कुछ अधिकारी उन्हें ताक में रखकर काम कर रहे हैं। तेलफैक्ट्री क्षेत्र मेंं बुधवार को विजीलेंस कार्रवाई के बाद मौके पर उपभोक्ता को किसी तरह का लिखित नोटिस या सूचना नहीं दी गई। कुछ देर बाद एक बिचौलिए ने उपभोक्ता से फोन पर सम्पर्क साधा तथा उसके खिलाफ बड़ी राशि का जुर्माना व पुलिस कार्रवाई की बात कह कर धमकाया। प्रकरण निपटाने के लिए सौदेबाजी की। इस तरह के मामले पूर्व में भी सामने आते रहे हैं, लेकिन कम पैसों में काम होने के लालच में उपभोक्ता लिखित शिकायत से बचते हैं। कॉलेज रोड पर भी एक उपभोक्ता को चैकिंग के बाद किसी तरह की लिखित सूचना नहीं दी गई। कर्मचारियों का कहना है कि मौके पर कोई हस्ताक्षर नहीं करता, कोई मिलता नहीं है, नोटिस नहीं लेता है।
कार्रवाई में कमी है बारां के अधिशासी अभियंता मुकेश कुमार छंदक ने कहा कि कार्रवाई के दौरान मौके पर लोड भरकर उपभोक्ता को देते हैं, नहीं लेते हैं तो बाद में नोटिस भेजते हैं। कार्रवाई को लेकर कमी है और किसी तरह के बिचौलिए सक्रिय हैं तो कार्रवाई की जाएगी। अभियान में मैं नहीं गया हूं, लेकिन अब इसकी मॉनिटरिंग कराएंगे।