कोटा की मीनल ने 360 अंकों की जेईई एडवांस परीक्षा में 313 अंक हासिल कर अखिल भारतीय स्तर पर छठवीं और छात्राओं के वर्ग में पहली रैंक हासिल की है। मीनल ने बताया कि उन्होंने कभी भी तय समय पर पढ़ाई नहीं की और ना ही पढ़ाई के घंटे गिने। रात में दो बजे भी उनका पढऩे का मन होता तो वह किताब खोलकर बैठ जातीं। समय में बंधकर पढ़ाई न करने का उन्हें बड़ा फायदा मिला। सबसे बड़ी बात तो यह रही कि दो साल की तैयारी के दौरान उन्हें कभी भी पढ़ाई से बोरियत नहीं हुई और दूसरा फायदा यह हुआ कि मन लगाकर पढ़ीं इसलिए अधिकांश टॉपिक को समझने में देर नहीं लगी।
खेल और टीवी करती है तनाव मुक्त
मीनल आईआईटी मुम्बई से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग करना चाहती हैं। वह टीवी पर सास बहू के सीरियल भी देखती हैं और नियमित आउटडोर गेम्स भी खेलती हैं। मीनल कहती हैं कि परीक्षा की तैयारी के दौरान तनाव न लें। यदि सफलता नहीं मिल रही हो तो पहले अपनी कमियां खोजें और उन्हें दूर करने की कोशिश करें। सफलता के लिए निरंतर मेहनत करना न छोड़ें। कोटा में पढ़ाई का जितना शानदार माहौल है और कहीं भी नहीं है। यहां शिक्षक हर समस्या के समाधान में तब तक जुटे रहते हैं जब तक छात्रों को वह अच्छे से समझ नहीं आ जाती।