जिले में एक तरफ लॉकडाउन से जहां सभी वर्ग के लोग परेशान हैं। वहीं अब प्रकृति के कहर ने किसानों के सपने चूर-चूर कर दिए है। जिले में कोरोना लॉकडाउन के चलते इस बार किसानों को मजदूर नहीं मिल पाए है। ऐसे में अभी तक किसानों के खेतों में गेहूं सहित अन्य फसले खड़ी हुई है तो कुछ किसानों के खेतों में कटी फसलों में पानी भर गया है। गुरुवार रात को हुई जोरदार बारिश व ओलावृष्टि ने खासी तबाही मचाई है। किसान बारिश से गेहूं-चना में 40-50 फीसदी तक नुकसान बता रहे हैं, तो संतरा, धनिया व मसूर में 80 से 90 फीसदी तक।किसान संघ के जिला महामंत्री राधेश्याम गुर्जर ने बताया कि कोरोना के प्रहार से अभी हम ऊबर भी नहीं पाए थे और प्रकृति ने भी वार कर दिया। चैत्र माह में हाड़ौती में इन दिनों गर्मी परवान चढऩे लग जाती है, लोग सोच रहे थे पारा 40 से ऊपर जाएगा, लेकिन हो रहा उल्टा, मानों प्रकृति जैसे क्रोध में हो। चैत्र शुक्ल में बारिश हो रही है। वह भी इस तरह से की बारिश के समय में भी नहीं होती है। गुरुवार को कई क्षेत्रों जोरदार ओलावृष्टि हुई है, कई गांवों में तो बोर से लेकर आलू जैसे ओले गिरे है। ऐसे में अब अन्नदाता सरकार की तरफ आश लगाकर बैठा है कि जल्दी सर्वे करें और महामारी के बीच किसानों को उचित मुआवजा मिले ताकि उनके नुकसान की भरपाई हो सके।
संतरा और धनिये में सबसे ज्यादा नुकसान
जिले में गुुरूवार को हुई अतिवृष्टि से धनिया पूरी तरह से काला पड़ गया है,जो खेतों में फैला हुआ था, और जहंा ओलावृष्टि हुई है वहां धनिया पूरी तरह से खिर चुका है। तो शेष बचा हुआ है वह काला पड़ गया है। वहीं संतरा में भी ओलावृष्टि से संतरे के पूरे पौधें से संतरा नीचे झड़ गया है, जो बचे हुए उनमें भी चोट के निशान लगने से वह भी एक दो दिन में खराब हो कर नीचे आ जाएगा। किसान भंवरासा निवासी किसान जगदीश शर्मा,देवपुरा निवासी किसान अरविन्द मालव, सेमली भवानी निवासी अनिल पाटीदार ने बताया कि सरकार धनिया व संतरा के किसानों को खराबे का उचित मुआवजा दें नहीं तो किसानों को इस बार रबी में उल्टा नुकसान हो रहा है।
गेहूं और अन्य फसलों में भी नुकसान
कालीतलाई निवासी रामलाल दांगी, चोरबरडी निवासी गोपाल सिंह, गिरधरपुरा निवासी घनश्याम दंागी, कांधलखेड़ी निवासी पूनमचन्द, गार्वधन दांगी ने आदि ने बतया कि गेहूं, मैथी, अलसी आदि की फसल में भी काफी नुकसान हुआ है, सरकार समय से सर्वे करवा कर किसानों को राहत देने के लिए शीघ्र मुआवजा की घोषणा करें। इस बार कोरोना की वजह से किसानों को मजदूर नहीं मिल पाए है, ऐसे में किसान समय पर फसलों को नहीं निकाल पाए है। अभी भी बारिश का मौसम हो रहा है, ऐसे में सरकार को कुछ मदद करना चाहिए ताकि मजदूर मिल सके, जिससे किसान अपनी फसलों को निकाल सके। रीको क्षेत्र में रहने वाले रंगलाल, रमेशचन्द, नन्दलाल गुर्जर ने बताया कि गेहूं की फसल में ओलावृष्टि से काफी नुकसान हुआ है,कई फैक्ट्रियों के चद्दर उड़ गए।
खराब हो गई सब्जी की फसल
ओलावृष्टि से किसानों कीफसल हुई हो गई है,किसान जगदीश कहार, मुकेश कहार, अरविंद कहार ,रामदयाल कहार, कैलाश चंद कहार,मोतीराम कहार, ग्राम काकड़ से परमानंद भील आदि ने बताया कि हमारी लौकी, गिलकी,करेले की सब्जी की बाड़ी लगा रखी थी जो पूरी तरह से नष्ट हो गई है।
शहर में उड़ गए टिन टप्पर, टूट गई पट्टियां
शहर में लोगों के घरों के ऊपर लगे टिन टप्पन उड़ गए है तो सब्जीमंडी, एसआरजी चिकित्सालय की लिफ्ट व साईनाथ मंदिर के टिन शेड क्षतिग्रस्त हो गए। वहीं मदारी खां तालाब के यहां ओमप्रकाश पुत्र पांचूलाल के मकान की छत की पट्टी टूट कर लटक गई,इस दौरान पूरा परिवार नीचे सौ रहा था, लेकिन बाल-बाल बच गया। शहर में कई स्थानों पर पेड़ टूट गए।
मंडावर गांव में अधंड़ व ओलावृष्टि के दौरान एक घर की दीवार ढ़ह गई। मंडावर थानाधिकारी रमेश चन्द मेरोठा ने बताया कि बालचन्द कुम्हार ने दी रिपोर्ट में बताया कि उसका परिवार रात को सौ रहा था, इसी दौरान दीवार ढ़हने से उसकी मां सीताबाई 58 पत्नी रामगोपाल घायल हो गई जिसे एसआरजी चिकित्सालय लेकर गए जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दी। वहीं उसके पिता रामगोपाल, अंकुश, मधु, सूरज आदि के भी चोटैं आई है। वहीं कोलाना निवासी बालचन्द पुत्र माधो भील टापरी गिरने से घायल हो गया है।