सोयाबीन, सरसों, चना मंदा, खाद्य तेलों में रही स्थिरता, जानें कोटा मंडी भाव
सात लाख हैक्टेयर में हुई बुवाई
हाड़ौती में खरीफ सीजन में सोयाबीन मुय फसल है। इस बार करीब सात लाख हैक्टेयर में सोयाबीन की बुवाई हुई है। उत्पादन का आकलन सात लाख मीट्रिक टन आंका गया है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में अतिवृष्टि से सोयाबीन की फसल खराब हो गई। इस कारण उत्पादन कम बैठ रहा है।
डीओसी का निर्यात नहीं होने से दाम गिरे
सोयाबीन में तेल की मात्रा 18 से 20 प्रतिशत होती है। शेष डीओसी (खल) निकलता है। डीओसी की विदेशों में मांग कम होने से इसके निर्यात में भारी कमी आई है। इस कारण सोयाबीन के दामों में गिरावट आई है। पॉम ऑयल आयात करने का भी दामों पर असर पड़ रहा है।
सोयाबीन और उड़द की एमएसपी पर खरीद की गाइड लाइन तय
राजफैड की ओर से सोयाबीन और उड़द की न्यूनतम समर्थन मूल्य की खरीद के लिए गाइड लाइन जारी कर दी है। सहकार समितियां कोटा के उप रजिस्ट्रार गोविन्द प्रसाद लड्ढ़ा ने बताया कि उड़द की एमएसपी की 7400 रुपए प्रति क्विंटल तथा सोयाबीन 4892रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीद की जाएगी। इसके लिए लाडपुरा में कोटा क्रय विक्रय एवं भगवानपुरा ग्राम सेवा सहकारी समिति, सांगोद क्रय विक्रय सहकारी समिति एवं कुन्दनपुर ग्राम सेवा, रामगंजमण्डी क्रय विक्रय, चेचट ग्राम सेवा, सुल्तानपुर क्रय विक्रय तथा इटावा क्रय विक्रय एवं खातौली ग्राम सेवा में सहित (5 क्रय विक्रय में एवं 4 ग्राम सेवा में सहकारी समिति) कुल 9-9 खरीद केन्द्र स्थापित किए जाएंगे। कृषक की गिरदावरी जिस तहसील से संबंधित है, वहीं जिन्स विक्रय पंजीयन होगा।