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उखड़ी फर्शियां, दौड़ते हैं चूहे
स्कूल में कमरों की छतों से बारिश में पानी टपकता है। हालात इतने खराब हो जाते हैं कि बालिकाओं को बैठने की जगह तक नहीं मिलती। फर्शियां उखड़ी पड़ी हैं। इनमें से चूहे व चीटियां निकलते हैं। खिड़कियों की जालियां व दरवाजे टूटे पड़े हैं।
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नहीं है ड्रेनेज सिस्टम स्कूल में डे्रनेज सिस्टम नहीं है। परिसर में पानी फैला रहता है। एक गड्ढा खोद रखा है। उसी गड्ढे में गंदे पानी को डाला जाता है। इससे बीमारियां फैलने की आशंका बनी रहती है।ताकली बांध के लिए 40 परिवारों को घर छोडने को किया मजबूर, मुआवजा में घर तो दूर कमरा भी न बनेगा
ये होंगे काम
– पुराने आठ कमरों की छत की मरम्मत होगी। – फर्शी बदली जाएगी।
– नए बरामदे बनेंगे। – जालियां व दरवाजे बदलेंगे।
– मुख्य गेट के पास छोटा गेट लगेगा। – ड्रेनेज सिस्टम बनेगा।