सूत्रों ने बताया कि कोटा में डेंगू, स्वाइन फ्लू व अन्य मौसमी बीमारियों के कारण लगातार मौतें हो रही है। इस सीजन में स्वाइन फ्लू से 35 व डेंगू से एक दर्जन से अधिक मौतें हो चुकी है। लगातार मरीज सामने आ रहे है। चिकित्सा विभाग ने समय रहते इनकी रोकथाम के लिए कोई प्रयास नहीं किए। इसी के चलते राज्य सरकार ने कार्यवाहक सीएमएचओ डॉ. अनिल कौशिक को हटाकर अपने मूल स्थान मोबाइल सर्जिकल यूनिट के पीसीएमओ पर भेज दिया।
डेंगू से कोटा के मरीज की मौत कोटा. शहर में डेंगू व स्वाइन फ्लू का कहर जारी है। रेलवे कॉलोनी निवासी गोपीचंद (65) की बुधवार को तलवंडी स्थित निजी अस्पताल में मौत हो गई, वह करीब एक पखवाड़े से अस्पताल में भर्ती थे। उनकी कार्ड टेस्ट में डेंगू पॉजीटिव रिपोर्ट आई। नगर निगम के एक अधिकारी भी स्वाइन फ्लू की चपेट में आ गए।
एक-दो दिन घर पर उपचार चला। उन्हें रविवार को तलवंडी स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां स्वाब लिया गया, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने स्वाब लैब में नहीं भेजा। इस कारण समय पर उनकी रिपोर्ट नहीं आ सकी। बाद उन्होंने एमबीएस के सेन्ट्रल लैब में स्वाब दिया, लेकिन यहां रिपोर्ट नेगेटिव आई। जब उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ तो
जयपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया। यहां जांच कराई तो रिपोर्ट पॉजीटिव आई। वह आईसीयू में वेन्टिलेटर पर हैं, हालात गंभीर बताई गई है।
पति-पत्नी स्वाइन फ्लू की चपेट में कोटा संभाग में डेंगू व स्वाइन फ्लू के नए मामले सामने आते जा रहे हैं। कोटा में दादाबाड़ी निवासी पति-पत्नी को स्वाइन फ्लू पॉजीटिव बताया गया। उन्होंने नए अस्पताल में स्वाब की जांच कराई थी। इसमें रिपोर्ट पॉजीटिव आई। उनका घर पर इलाज चल रहा है। उधर, कोटा संभाग में स्वाइन फ्लू के 11 मामले सामने आए हैं। इनमें कोटा के 8, बारां 1, बूंदी 1 व झालावाड़ 1, वहीं डेंगू के 27 मामले सामने आए है। इनमें कोटा के 21, बारां 3, बूंदी 3 रोगी शामिल हैं।