मालगाडिय़ों की रफ्तार बढऩे के साथ रनिंग कर्मचारियों को पर्याप्त आराम मिलने लगा है। अब 96 प्रतिशत से ज्यादा चालक और गार्ड को निर्धारित 9 घंटे से ज्यादा कार्य करना नहीं पड़ रहा है। वर्ष 2019-20 में केवल 64 प्रतिशत ही चालक और गार्डों को पूरा विश्राम मिल रहा था, बाकी को निर्धारित घंटों से ज्यादा समय तक ट्रेन चलानी पड़ रही थी। डीआरएम शर्मा ने बताया कि इससे रेलवे संरक्षा मजबूत हुई है।