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ऐसे हुआ हनी ट्रैप घटना रामगंजमंडी इलाके के मोडक गांव की है। रामगंजमंडी निवासी रमेशचंद माली मोड़क गांव में लगे मोबाइल टॉपर पर डीजल सप्लाई करता है। 8 नवंबर को जब वह डीजल सप्लाई करने गया तो टॉवर के पास रहने वाली एक लड़की बाली बाई उसके पास आई। बाली बाई ने रमेश चंद्र को बताया कि उसका मोबाइल काम नहीं कर रहा है, घर में जरूरी काम है इसलिए किसी को फोन करना है। बाली बाई के झांसे में आकर रमेश ने उसे अपना मोबाइल दे दिया।
#नोटबंदीः
कोटा में पकड़ी गई थी 400 करोड़ की ब्लैक मनी, बैंकों में जमा हुए 750 करोड़ के पुराने नोटमहंगा पड़ गया घर में घुसना मोबाइल लेने के बाद बाली बाई ने किसी को फोन लगाया और बात करते-करते वह अपने घर में घुस गई। मोबाइल वापस लेने के लिए रमेश जब उसके घर गया तो बालीबाई ने उसे अपने कमरे में बुला लिया और पलंग पर बैठने को कहा। रमेश के पलंग पर बैठते ही मुसीबतों का पहाड़ उस पर टूट पड़ा। घर में मौजूद बालीबाई की मां, उसके भाई एवं दो अन्य लोगों ने रमेश को घेर लिया और जमकर पिटाई कर डाली। रमेश की जेब से रखे 5 हजार रुपए भी छीन लिए।
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मांगी 2 लाख की फिरौती इतने सब के बाद भी उन लोगों ने रमेश का पीछा नहीं छोड़ा और उसे छोड़ने के लिए 2 लाख रुपए की फिरौती मांगने लगे। रमेश ने कहा कि उसके पास अभी इतने पैसे नहीं है तो घर वालों को फोन करके दो लाख रुपए मंगवाने का दबाव डालने लगे। ऐसा ना करने पर छेड़छाड़ और रेप की कोशिश का केस लगाकर फंसाने की धमकी देने लगे। इस बीच पेट्रोल सप्लाई करने वाले कांट्रेक्टर का फोन आ गया, तो बाली बाई के परिजन उसके जरिए पैसे मंगाने के लिए कहने लगे, लेकिन रमेश ने पैसे मंगाने के बजाय कांट्रेक्टर को सारी घटना बता दी।
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कांट्रेक्टर ने कराया मुक्त 2 लाख रुपए मंगाने के बजाय रमेश ने कांट्रेक्टर को सारी घटना बता दी। जिससे गुस्साए लोगों ने उसे जमकर पीटा, लेकिन इसके बाद कांट्रेक्टर ने हकीकत जानने के लिए अपने कर्मचारी लालचंद, परमानंद, सुनील और अजय को मोडक गांव भेजा। जो उसे तलाशते हुए लड़की के घर तक जा पहुंचे। इसके बाद उन लोगों ने रमेश को मुक्त कराया। इस मामले में रमेश ने मोड़क पुलिस में लिखित शिकायत की। पुलिस ने बताया कि बाली बाई के भाई शंकरलाल और फूफा गुलाबचंद को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार कर उपखण्ड न्यायालय में पेश किया, जहां से दोनों को न्यायिक अभिरक्षा भेज दिया गया।