बिहार के पटना स्थित आनंद कुआ निवासी मनीषा सिंह(19) यहां लैंडमार्क सिटी स्थित होस्टल में रहकर मेडिकल की तैयारी कर रही थी। जिसने दो दिन पहले रात को कमरे में ही फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली थी। पुलिस ने उसका शव मोर्चरी में रखवा दिया था। युवती के पिता आनंद किशोर समेत अन्य परिजन बुधवार कोटा पहुंचे।
नितिन गडकरी के दफ्तर तक मचा हड़कंप आनंद ने बताया कि उन्होंने अपनी पुत्री को डॉक्टर बनाने के लिए 5 महीने पहले ही यहां भेजा था। जरूरी नहीं कि सभी एक बार में पास हो जाए। दो या तीन साल भी लग जाते तो कोई चिंता नहीं थी। उनके परिवार में 6 और लोग भी यहां से तैयारी कर डॉक्टर बने हैं। उन्हें क्या पता था उनकी बेटी ऐसा कदम उठाएगी। उन्होंने उसे पढऩे के लिए भेजा था मरने के लिए नहीं। मनीषा उनकी बड़ी बेटी थी। उन्होंने कहा कि उसकी मौत के लिए किसी को भी जिमगेदार नहीं ठहराया जा सकता।
इधर उप निरीक्षक मीरा बेनीवाल ने बताया कि परिजनों के आने पर उनकी मौजूदगी में पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाकर शव सौंप दिया। शव तीन दिन पुराना होने से परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार यहीं करने की इच्छा जाहिर की। जिस पर उसका अंतिम संस्कार कर दिया। खुदकुशी का कारण फिलहाल पता नहीं चल सका है।