किसानों ने उड़द की खरीद में चले रहे घालमेल के बारे में मंत्री को आड़े हाथों लिया। साथ ही उलाहना दिया कि सरकारी कर्मचारी, खरीद केंद्र के पर्यवेक्षकों को हजार रुपए देते ही उड़द क्या मिट्टी भी खरीद लेते हैं। पैसे नहीं देने पर गुणवत्ता का बहाना कर उड़द को नापास कर देते हैं। मंत्री ने कहा कि अगर कोई कर्मचारी खरीद में गड़बड़ी करने वाले एक भी कार्मिक को नहीं छोड़ा जाएगा। किसान को उपज का पूरा दाम मिलना चाहिए। अगर इसमें अधिकारी या व्यापारी दोनों में से कोई भी लापरवाही करेगा तो सीधा जेल जाएगा।
कृषक संवाद कार्यक्रम में सांसद ओम बिरला, विधायक संदीप शर्मा के उद्बोधन के बाद ज्यों ही विधायक हीरालाल नागर बोलने लगे तो किसान प्रतिनिधियों ने विरोध शुरू कर दिया। भारतीय किसान संघ प्रांतीय अध्यक्ष मोहनलाल नागर ने कहा कि हम यहां नेताओं के भाषण सुनने नहीं आए। किसानों को तो चुपचाप बैठा रखा है। नेता भाषण पर भाषण दिए जा रहे हैं। इस पर नेताओं के भाषण तत्काल बंद कर किसानों के बीच में माइक भेज कर उनसे सीधा संवाद कार्यक्रम शुरू किया।