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कोटा

लहसुन के भावों में उछाल से किसानों की बल्ले-बल्ले, लग्जरी कारों में पहुंच रहे मंडी

Garlic Price Hike: एक लग्जरी कारों में लहसुन भरकर किसान मंडी में बेचने पहुंचे। कोई एसयूवी में लेकर आया तो कोई अन्य कार में। कई किसान अन्य कारों में भी कट्टे भरकर मंडी में पहुंचे।

कोटाOct 16, 2024 / 12:49 pm

Akshita Deora

Mandi News: कहते हैं कि एक दिन तो रेवड़ी का भी आता है। कुछ ऐसा ही इन दिनों लहसुन के साथ भी हो रहा है। कभी दो से तीन रुपए किलो भाव आने पर किसानों ने सड़क किनारे या खाळ-नालों व रेवड़ियों में भी लहसुन को फेंक दिया था लेकिन इस साल यही लहसुन लग्जरी कारों से मंडी में लाया जा रहा है। ऐसा नजारा मंडी में पहले कभी दिखाई नहीं दिया। यह सब भाव का कमाल है। मंडी में लहसुन इन दिनों 30 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक बिक रहा है। इससे किसानों के भी वारे-न्यारे हो रहे हैं। मंगलवार को भी मंडी में ऐसे ही नजारे देखने को मिले।
यहां एक से एक लग्जरी कारों में लहसुन भरकर किसान मंडी में बेचने पहुंचे। कोई एसयूवी में लेकर आया तो कोई अन्य कार में। कई किसान अन्य कारों में भी कट्टे भरकर मंडी में पहुंचे। पिकअप, ऑटो व ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में भी लहसुन भरकर किसान बेचने के लिए मंडी पहुंचे। नीलामी के दौरान लहसुन की कट्टियों से भरे एक से बढ़कर एक लग्जरी वाहन नजर आए।
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इस सीजन की सर्वाधिक आवक


स्थानीय कृषि उपज मंडी में मंगलवार को कृषि जिन्सों की इस सीजन की सर्वाधिक आवक हुई। यहां करीब 10 हजार बोरी कृषि जिन्सों की आवक के साथ 2 हजार से 2500 कट्टे के बीच लहसुन की भी आवक हुई। ऐसे में मण्डी यार्ड से लेकर समूचा मण्डी परिसर ट्रैक्टर ट्रालियों से अटा रहा। इससे मंडी में पांव रखने की भी जगह नहीं बची। शुक्रवार से रविवार तक लहसुन मण्डी में 3 दिनों तक अवकाश रहने व सोमवार को मौसम खराब होने से आवक कम हुई थी। साथ ही बुधवार को लहसुन मण्डी में अवकाश रहता है। ऐसे में मंगलवार को अल सुबह से मण्डी में जिसों से भरी ट्रैक्टर ट्रॉलियां आने से दिनभर रेलमपेल मची रही। इसके चलते देर शाम तक जिंसों की नीलामी जारी रही। दीवाली के त्योहार व रबी की फसल के लिए खाद बीज व साजोसामान खरीदने के लिए किसान खेतों में फसल तैयार होने के साथ ही मण्डी मे बेचने ला रहे हैं।

मण्डी में हजारों बोरियों का जमावड़ा


कृषि उपज मंडी में बम्पर आवक के चलते इन दिनों नीलामी यार्डो में हजारों बोरियों का जमावड़ा लगा हुआ है। बार बार बारिश होने से समय पर परिवहन नहीं होने से यहां व्यापारियों की हजारों बोरियों को बारिश से भीगने से बचने के लिए बरसाती से ढककर रखा गया है। मंगलवार को नीलामी के दौरान यहां 52 बीघा का मण्डी परिसर भी छोटा पड़ गया। इस बार सोयाबीन का रकबा अधिक होने के साथ उपज भी 2 से 3 क्विंटल प्रति बीघा होने से मण्डी में प्रतिदिन सोयाबीन की 5 से 7 हजार बोरी कृषि जिंसो की आवक हो रही है।
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प्रति बीघा 3 लाख रुपए की उपज


इस बार लहसुन से दामों में जोरदार तेजी होने से प्रति बीघा ढाई से 3 लाख रुपए की उपज हो रही है। आमतौर पर प्रति बीघा लहसुन की 10 से 12 क्विंटल पैदावार होती है। अगर यही लहसुन औसत 25 हजार रुपए क्विंटल बिकता है तो प्रति बीघा ढाई से 3 लाख की उपज निकल रही है। इससे किसान मालामाल हो रहे है। प्रति बीघा 50 हजार का खर्चा निकालने के बाद भी किसानों को इन दिनों अच्छी क्वालिटी के लहसुन में 2 से ढाई लाख रुपए प्रति बीघा का फायदा हो रहा है।

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