सब्जीमंडी में सालों से यूआईटी की बेशकीमती जमीन पर दर्जनों लोगों ने कब्जा कर रखा था। जिसे प्रशासन ने रविवार को मुक्त करा लिया। यूआईटी सचिव ए.एल. वैष्णव और उपसचिव दीप्ति मीणा की अगुवाई में भारी भरकम अतिक्रमण जाप्ता मौके पर पहुंचा और जेसीबी की सहायता से इन अतिक्रमणों को ध्वस्त कर दिया।
सरकारी जमीन पर कूलर बनाने वालों के साथ कई दूकानें अवैध रूप से संचालित हो रही थी। जिस पर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा बना रहता था। ये अतिक्रमण यहां यातायात में भी बाधा बने हुए थे। अतिक्रमण हटाने के दौरान एडिशनल एसपी अनंत कुमार, डीएसपी राजेश मेश्राम, 10 थानों के थानाधिकारी, यूआईटी की विशेषाधिकारी, तहसीलदार इमामुद्दीन सहित सैकड़ों पुलिस के जवान मौजूद रहे। आवंटित दुकानें भी हटवाई अतिक्रमण हटाने के दौरान दुकानों को यूआईटी ने आवंटित कर रखा था, जिसके कागज लेकर दुकानदार वहां आ गए। उनके पास नक्शा, यूआईटी के दस्तावेज, बोली की रसीदें सहित कई दस्तावेज थे।
इस दौरान अधिकारियों ने उन्हें आश्वासन दिया कि रोड के बीच की जगह को हटा लो, हम आपको कहीं दूसरे स्थान पर इतनी ही जगह आवंटित कर देंगे। अधिकारियों के आश्वासन के बाद दुकान मालिक अशा बानो, इसाक राजी हो गए और उन दोनों की पक्की दुकानों को भी तोड़ दिया गया। दुकान नम्बर 182 व 183 को यूआईटी ने आवंटित कर रखा था। जो रोड के बीचों-बीच थी।
गोपनीय रणनीति से सफल हुएपिछले पांच-छह साल में यूआईटी और जिला प्रशासन कई बार अतिक्रमण हटाने के लिए मौके पर पहुंचा, लेकिन अतिक्रमियों के विरोध के कारण सफल नही हो पाए और इसको लेकर विवाद भी हुआ। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए अतिक्रमण के मसले पर न्यास प्रशासन ने जिला कलक्टर और एसपी से शनिवार को बात की। इसके बाद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच इस मसले को लेकर बैठक हुई। प्रशासनिक अधिकारियों ने जनप्रतिनिधियों और व्यापार संघों के चुनिंदा पदाधिकारियों से भी बात की। इसमें अतिक्रमण हटाने की गोपनीय रणनीति तय की गई। इसके चलते न्यास का जाप्ता पहुंचने से कुछ देर पहले ही पुलिस ने इस मार्ग के सभी रास्ते बंद कर दिए थे।
पत्रिका ने उठाया था मुद्दा राजस्थान पत्रिका ने जेपी मार्केट योजना के चारों प्रमुख बाजारों के आसपास हो रहे अतिक्रमण तथा यहां से संचालित समाजकंटकों की गतिविधियों का मसला प्रमुखता से उठाया था। व्यापारियों से बातचीत कर समस्या और समाधान भी सुझाए थे। जनरल मर्चेन्ट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश जैन और महामंत्री रमेश आहूजा तथा कोटा व्यापार महासंघ के अध्यक्ष क्रांति जैन, महासचिव अशोक माहेश्वरी ने अतिक्रमण हटाने के लिए पुलिस तथा प्रशासन पहले बेहतर कदम बताया।