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डाॅ. मीणा ने दोनों की मेडिकल रिपोर्ट अच्छी बनाने की एवज में उससे 15 हजार रुपए की मांग की। रिश्वत नही देने पर मेडिकल रिपोर्ट बिगाडऩे की धमकी दी। काफी समझाइश के बाद मामला 6 हजार रुपए में तय हुआ। इस शिकायत पर एसीबी ने सत्यापन कराया। उसी दिन 2 हजार रुपए लेकर फरियादी को डॉक्टर के पास भेजा लेकिन उसने पूरे रुपए लाने के लिए कहा। वह जब 5 अक्टूबर को 6 हजार रुपए लेकर डॉकटर को देने गई तो शक होने पर उसने रुपए नहीं लिए।
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सहायक निदेशक अभियोजन एहसान अहमद ने बताया कि एसीबी ने जाच में डॉक्टर के खिलाफ रिश्वत मांगने के मामले में आरोप पत्र पेश किया था। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 13 गवाहों के बयान दर्ज करवाए गए। सभी पक्षों को सुनने के बाद भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय ने डॉ. गोरधनलाल मीणा को रिश्वत मांगने का दोषी मानते हुए पीसी एक्ट की धारा 7 में 4 साल कठोर कैद व 50 हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया है।