एरोड्राम पेट्रोल पम्प के सामने से मंडी की तरफ जाने वाले रास्ते की बदतर हालत है। यहां ठेले लगाकर फल बेचने वाले विक्रेता खड़े नजर आते हैं। गन्दगी की शुुरुआत भी यहां से ही हो जाती है। ठेले व सड़क पर फल-सब्जियों की दुकानें लगती हैं। इनका सारा कचरा आसपास ही सड़क पर फेंका जाता है। थोड़ा आगे चलेें तो कीचड़ शुरू हो जाता है। बारिश का पानी यहां जमा है। साथ ही, कीचड़ इतना की पैदल जाने में दिक्कत होती है। जैसे-जैसे आगे बढ़ते गए तो बदबू का भभका शुरू हो जाता है। तकलीफ यहां से शुरू होती है। हर तरफ कीचड़, बारिश का पानी और बदबू के बीच मंडी के गेट नम्बर 1 पर आकर समस्याओं का पहाड़ दिखाई देने लगता है।
गेट बंद करने से बढ़ गई समस्या गेट के आगे इतना कीचड़ है कि निकलना मुश्किल है। गेट के ठीक सामने इस कीचड़ में ही ठेले वाले खड़े रहते हैं। गेट के समाने तीन तरफ से रास्ते हैं, सभी की हालत खराब है। रास्तों में सब्जी विक्रेता पॉलीथिन, कट्टों और बोरियों में सब्जी रखकर बेचते हैं। कीचड़ का पानी, गन्दगी इनमें जाती है, लेकिन न तो विक्रेताओं को चिंता, न ही मंडी प्रशासन को। यहां के दुकानदारों व व्यापारियों का कहना है कि गेट एक को रात 10 बजे से सुबह 9 बजे तक खोला जाता है। इसके बाद गेट बंद करने से यहां दिनभर फल सब्जी बेचने वाले खड़े हो जाते हैं। इससे रास्ते की सफाई नहीं हो पाती। दिनभर जाम के हालत बनते हैं। कीचड़ और बदबू से परेशान होते हैं।