संरक्षक ने दिया प्रजेन्टेशन बैठक में टाइगर रिजर्व के बीच आ रहे गांवों के विस्थापन, ग्रामीणों को दिए जाने वाले मुआवजे, बजट समेत अन्य बिंदुओं पर चर्चा की। बैठक में मुख्य वन संरक्षक घनश्याम शर्मा, उपवनसरंक्षक एसआर यादव व अन्य अधिकारी मौजूद रहे। इसमें मुख्यवन संरक्षक ने प्रजेन्टेशन दिया। इसमें टाइगर रिजर्व का ग्रासलेंड एरिया तथा बाघों को कहां छोडऩा है को लेकर भी चर्चा की गई। स्टेडिग कमेटी के मेंबर वाल्मीकि थापर ने कहा कि बाघों की सुरक्षा अधिक जरूरी है। बैठक में
धर्मेन्द्र खांडेल, वाई के साहु, दौलत सिंह शक्तावत, इन्दराज सिंह, ललित सिंह राणावत मौजूद रहे।
इन क्षेत्रों को देखा आरएसी परिसर में बैठक के बाद डीजीपी अजीत सिंह ने मुकुन्दरा का दौरा किया। वे रावठा, लक्ष्मीपुरा, झामरा, दरा, सुंदरपुरा चौकी व अन्य क्षेत्रों में गए। झामरा क्षेत्र में चीतल भी नजर आए। उन्होंने जंगल का ग्रास लैण्ड क्षेत्र व सघन क्षेत्र भी देखा। बाद में सावनभादवा डेम पहुुंचे, यहां तैयार किए जा रहे ग्रास लैंड क्षेत्र को देखा। सूत्रों के अनुसार बुधवार को अजीत सिंह सेल्जर क्षेत्र का दौरा करेंगे।
फील्ड देखकर करेंगे तय संक्षिप्त बातचीत में सिंह ने बताया कि मुकुन्दरा में बाघों की बसावट के सिलसिले में ही वे कोटा आए हैं। कहां, कब, कैसे और कितने बाघ छोड़े जाने हैं, यह फिलहाल नहीं कह सकते। फील्ड में विभाग की तैयारियों, वहां की लोकेशन, परिस्थिति सभी चीजों को देखने के बाद पूरी तरह से विचार कर ही बाघों को छोड़ा जाएगा। कितने व कौनसे बाघ लाए जाएंगे? इस प्रश्न पर उन्होंने कहा कि यह सब परिस्थितियों और सरकार के दिशानिर्देश के आधार पर तय करेंगे।