विज्ञान नगर निवासी पीयूष राय ने बताया कि उनकी बेटी उपासना को तीन दिन पहले निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। उसे 2 बार एसडीपी चढ़ाई गई। उन्होंने कहा कि बच्ची के पेट में इंफेक्शन था। पेट लगातार फूल रहा था। दिमाग में भी बुखार चढ़ गया था। इससे उसकी प्लेटलेट्स 7 हजार ही रह गई। टीम जीवनदाता द्वारा एसडीपी की व्यवस्था की गई, लेकिन उसकी मौत हो गई।
वहीं कैथून निवासी मुन्ना अंसारी (38) की मौत भी डेंगू से हो गई। अंसारी 28 अक्टूबर से निजी अस्पताल में भर्ती थे। एमबीएस चिकित्सालय में कराना झालावाड़ निवासी जगन्नाथ (65) की मौत हो गई। जगन्नाथ 27 अक्टूबर से भर्ती थे।
50 नए मामले आए सोमवार को डेंगू के 50 नए मामले सामने आए। इसमें 44 कोटा, 5 बारां व 1 बूंदी का है।
1 गली, 50 को डेंगू, 3 की मौत कोटा. डेंगू-स्वाइन फ्लू व मौसमी बीमारियों की मार झेल रहे कोटा शहर में डेंगू के नए-नए मामले सामने आ रहे हैं। किसी का पूरा घर डेंगू की चपेट में है तो कहीं पूरे क्षेत्र में हालात चौंका देने वाले हैं।
कुछ ऐसा ही हाल दादाबाड़ी स्थित
हनुमान बस्ती की एक गली का है। यहां पिछले एक माह में 50 लोगों को डेंगू हुआ, इनमें से तीन की मौत हो गई। अभी भी कई लोग बीमार हैं।
ये हुए काल के शिकार डेंगू से यहां दो साल के देवा पुत्र मोहन लाल, ज्योति (33) पत्नी रामस्वरूप व कैलाश बाई (57) पत्नी रामस्वरूप की मौत हो चुकी है।