अभी बाकी हैं कुछ और ऑपरेशन कश्मीर में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए बुरी तरह घायल हुए सीआरपीएफ के कमांडेंट चेतन चीता अब स्वस्थ हैं और विशेषज्ञों की देखरेख में दिल्ली में उपचार ले रहे हैं। देशवासियों की दुआओं व डॉक्टरों की मेहनत से चीता का स्वास्थ्य बेहतर है। हालांकि अभी उनके कुछ और ऑपरेशन होने हैं। गोलियों से छलनी शरीर के साथ करीब 8 महीने से लड़ रहे जिंदगी की जंग जीतने के बाद भी उनमें अभी भी वही जोश और देशभक्ति का जज्बा बरकरार है। चीता 20 नवम्बर के बाद माता-पिता और स्वजनों से मिलने कोटा आएंगे। चेतन चीता ने पत्रिका से बातचीत में कहा कि 20 नवम्बर के बाद कोटा आने का कार्यक्रम है। खास तौर से कोटा जहां मेरी पैदाइश हुई, पढ़ा लिखा वही बड़ा हुआ। वहां के लोगों से मिलने की उत्सुकता है । जिन्होंने घर-घर मेरे लिए प्रार्थना की। उनका आशीर्वाद बना रहे। उन्होंने कहा कि वे ठीक होने के बाद फिर से दूसरे मिशन के लिए तैयार हैं।
तीन आतंकियों को मार गिराया था 14 फरवरी 2017 को कश्मीर में तीन दुर्दांत आतंकियों को मौत के घाट उतारने के बाद बाद 16 गोलियों लगने से जांबाज चीता का शरीर भी छलनी हो गए थे। आर्मी बेस हॉस्पिटल में इलाज संभव ना होने के कारण उन्हें आनन-फानन में एयर लिफ्ट करके दिल्ली
एम्स ट्रोमा सेंटर लाया गया था। जहां कई दिनों तक कोमा में रहे। इस दौरान दो दर्जन से ज्यादा ऑपरशेन होने के बाद उनकी जान बच सकी थी, लेकिन चीता ने हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होते ही दुश्मनों को फिर से नेस्तेनाबूत करने की खुली चुनौती दे डाली थी।
पीएम मोदी ने ट्वीट की थी पत्रिका की खबर कोटा के बेटे चेतन चीता की हालत की खबर लगते ही पूरे शहर में प्रार्थनाओं का दौर शुरू हो गया था। कोटा से शुरु हुआ दुआओं का यह सिलसिला पूरा देश में फैल गया। आलम यह था कि कश्मीर में आतंकी हमले में गंभीर घायल कमांडेट चेतन चीता की पत्रिका में प्रकाशित खबर को प्रधानमंत्री
नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट करके उनकी सलामती की दुआ मांगी थी। शहर और देशभर में प्रार्थनाओं का आयोजन चला। पत्रिका ने चीता के रिकवर होने तक मेडिकल बुलेटिन और दुआ-प्रार्थनाओं की खबरें प्रकाशित कीं थीं।