ऑटो चालक ने दिया ईमानदारी का सबूत, इंजीनियर का बैग लौटाकर उसे बर्बाद होने से बचाया
कोटा में दो को निगल चुके मगरमच्छवर्ष 2002 में जगन्नाथपुरा गांव के पास मंडानिया गांव निवासी उनके भांजे त्रिलोक नागर (10) को मगरमच्छ खींचकर चंद्रलोई नदी में ले गया था। उसका शव तीन दिन बाद मिला था। इसी प्रकार से कोटा के निकट अजुज़्नपुरा गांव में भी वर्ष 2007 में बजरंगलाल प्रजापति (50) को मगरमच्छ खींचकर नदी में ले गया था। बाद में उसका शव मिला था।
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और खींच ले गयारमेश ट्यूब पर बैठकर पैरों के सहारे आगे बढ़ रहा था, तभी मगरमच्छ ने हमला कर उसके पांव को जकड़ लिया और नदी में खींचकर ले गया।