कोटा जिले की शहर पुलिस अधीक्षक डॉ.अमृतादुहन ने बताया कि मुंबई क्राइम ब्रांच की यूनिट 9 के श्रीराम घोडके ने सोशल मीडिया के जरिए भीमगंजमंडी थानाधिकारी से संपर्क किया। इस दौरान सोशल मीडिया पर उन्होंने मुंबई पुलिस को गच्चा दे फरार हुए 17 लाख रुपए की ठगी के आरोपी पश्चिम मुंबई के गादीवली के लालजी पाड़ा निवासी मोहम्मद फायक हुसैन उर्फ वासिफ (30) के कोटा के भीमगंजमंडी में होने की सूचना दी।
स्पेशल टीम ने चलाया सर्च ऑपरेशन मुंबई पुलिस की सूचना मिलते ही अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दिलीप कुमार सैनी और केंद्रीय डीएसपी गंगासहाय शर्मा के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया गया। टीम ने तुरंत प्रभाव से आरोपी की तलाश के सर्च ऑपरेशन शुरू किया। टीम ने भीमगंजमंडी इलाके में होटलों और रेलवे स्टेशन समेत विभिन्न स्थानों पर उसे तलाश किया। सर्च के दौरान पुराने रेलवे पंप हाउस के पास सोशल मीडिया पर फोटो से मिलते-जुलते हुलिए का संदिग्ध नजर आया। इस पर पुलिस ने उसकी पहचान कर उसे डिटेन किया और मुंबई पुलिस को जानकारी दी गई। इस पर आरोपी को कोटा पहुंची मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम के हवाले कर दिया गया।
ऐसे दिया वारदात को अंजाम सिटी एसपी दुहन ने बताया कि आरोपी फायक करेंसी गैंग से जुड़ा है। गैंग के सदस्य यूएई की करेंसी (दिरहम) को रुपए में बदल मोटा मुनाफा कमाने का झांसा देकर लोगों से ठगी करते हैं। आरोपी ने जनवरी में मुंबई के एक कारोबारी से यूएई की करेंसी को चैक करवाया तो असली निकली। इस पर कारोबारी ने आरोपी का विश्वास कर उसे 17 लाख रुपए देकर कंरेसी लेकर फरार हो गया। बाद में जब व्यापारी ने कंरेसी की जांच की, तो ये नकली निकली। तब जाकर ठगी का पता चला। इस पर मुंबई पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया, लेकिन वह मुंबई पुलिस को भी गच्चा देकर फरार हो गया। आरोपी फायक एक दिन पहले ही कोटा आया था। मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम लगातार उसका पीछा कर रही थी।