एक व्यक्ति ने 3 जुलाई 2017 को रेलवे कॉलोनी थाने में रिपोर्ट दी थी। इसमें बताया था कि उसकी 6 साल की बच्ची खेलते समय घर के बाहर से शाम को अचानक गायब हो गई। अज्ञात व्यक्ति उसका अपहरण कर ले गया। पुलिस ने गम्भीरता को देखते हुए मामला दर्ज कर बालिका व आरोपित की तलाश शुरू की।
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पुलिस ने बालिका को 8 जुलाई को चम्बल किनारे जंगल से बदहवास हालत में दस्तयाब कर अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां मेडिकल कराने पर उसके साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई थी। करीब सौ से अधिक संदिग्ध लोगों से पूछताछ के बाद पुलिस ने 14 जुलाई को आरोपित प्रताप कॉलोनी निवासी मोहम्मद जाफिर उर्फ हांडी (23) को गिरफ्तार किया था।
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चॉकलेट का लालच देकर ले गया था थानाधिकारी शिवराज गुर्जर ने बताया कि आरोपित बालिका को चॉकलेट का लालच देकर उसकी मम्मी के पास छोडऩे के बहाने ले गया था। उसने 5 दिन तक बालिका को जंगल में पेड़ से बांधकर चाकू का भय दिखाकर उससे दुष्कर्म किया और मारपीट भी की। मामले की गम्भीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ने केस ऑफिसर स्कीम में लिया। पुलिस ने मामले में 13 अक्टूबर को चालान पेश किया था।
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18 गवाहों के बयान दर्ज कराए
विशिष्ट लोक अभियोजक कमलकांत शर्मा ने बताया कि अभियोजन पक्ष की ओर से 18 गवाहों के बयान दर्ज कराए गए। पोस्को अदालत के न्यायाधीश गिरीश अग्रवाल ने मामले की गम्भीरता को देखते हुए शीघ्र व त्वरित न्याय के तहत तीन माह में ही फैसला सुनाया। आरोपित मोहम्मद जाफिर उर्फ हांडी को दुष्कर्म व पोस्को एक्ट का दोषी पाए जाने पर शेष जीवनकाल तक के लिए उम्रकैद की सजा व 60 हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया है। शर्मा ने बताया कि इससे पहले भी इसी अदालत ने चालान पेश होने के 24 और 32 दिन में भी फैसले सुनाए हैं।