जगह कम, आवेदन ज्यादा मेले में दुकानों के लिए जगह आवंटित करवाने के लिए विधायकों तक की सिफारिशें आ रही है। मेला समिति ने बुधवार को मेले का दौरा कर कच्ची दुकानों के लिए जगह चिह्नित की थी। महापौर, मेला अध्यक्ष व मेला अधिकारी की मौजूदगी में कच्ची दुकानों को जगह देने का नक्शा तैयार किया है, लेकिन मेले में जगह कम होने तथा अधिक आवेदन आने के कारण अफसर पसोपेश में हैं।
नेताओं के आ रहे फोन आवंटन से जुड़ी अधिकारियों की टीम ने कहा कि दुकानों के आवंटन के लिए नेताओं के फोन आ रहे हैं, एेसे में किसको जगह दे और किसको नहीं। दुकानों की जगह देने से पहले आवागमन की स्थिति भी देखी जाएगी। अधिकारियों ने दिनभर की माथापच्ची के बाद शाम को कच्ची दुकानों के लिए जगह देने से हाथ खड़े कर दिए हैं।
पदाधिकारी मैदान का दौरा करेंगे उन्होंने आयुक्त डाॅ. विक्रम जिंदल को समूचे मामले से अवगत करा दिया है। आयुक्त शुक्रवार को सुबह अधिकारियों व मेला समिति के पदाधिकारियों के साथ दशहरा मैदान का दौरा करेंगे, इसके बाद कच्ची दुकानों को जगह देने का अंतिम निर्णय होगा। अब देखने वाली बात है कि गेंद किस-किस के पाले में जा कर गिरती है।
कार्यकर्ताओं को जगह दो, लेकिन बताओ मत भाजपा के वरिष्ठ नेताआें ने भी मेला समिति के सदस्यों को पार्टी के कार्यकर्ताओं को मेले में जगह देने को कहा है। मेला समिति के सदस्यों की बैठक लेकर कहा गया कि अगले साल विधानसभा के चुनाव आ जाएंगे। इसलिए कार्यकर्ताओं को अपने राज में मेले में दुकानों के लिए जगह देनी चाहिए। भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस शासन में तो कार्यकर्ताओं को कियोस्क तक दे दिए थे। मेला समिति के सदस्यों को नसीहत दी गई कि कार्यकर्ताओं को मेले में जगह दो, लेकिन सार्वजनिक मत करो। मेला समिति के दो वरिष्ठ सदस्यों को आपस में आरोप-प्रत्यारोप नहीं लगाने की भी नसीहत दी है। बैठक में महापौर व मेला समिति के अध्यक्ष ने कहा कि सदस्य आपस में लड़ते हैं, इस कारण सारी बातें सार्वजनिक हो जाती हैं।