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कोटा

टापरी में गूंजी किलकारी, टूटा कॉलोनी का सन्नाटा

संस्थागत प्रसव में आड़े आई मजबूरियां, जमीन पर हुआ प्रसव
 

कोटाApr 27, 2020 / 01:03 am

Jaggo Singh Dhaker

टापरी में गूंजी किलकारी, टूटा कॉलोनी का सन्नाटा

टापरी में गूंजी किलकारी, टूटा कॉलोनी का सन्नाटा

कोटा. लॉकडाउन के सन्नाटे में खुले आसमान में छोटी सी टापरी में जमीन पर एक महिला श्रमिक ने रविवार को शिशु को जन्म दिया। जब किलकारी गूंजी तो कॉलोनी का सन्नाटा टूटा। सब यही सोचकर खुद को कोस रहे थे कि उन्हें समय रहते पता क्यों नहीं चला। पता चला गया होता तो संस्थागत प्रसव कराने में मदद हो जाती। सब लोग घरों में बंद थे और बाहर झौपड़ी में प्रसव पीड़ा हो रही थी।
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रतलाम के पास रहने वाले कुछ श्रमिक शहर की नॉर्थ एक्स टाउनशिप में फंसे हुए हैं। इनमें से श्रमिक बालू की पत्नी श्यामा गर्भवती थी। रविवार दोपहर श्यामा को प्रसव पीड़ा हुई। भीमगंजमंडी क्षेत्र में कफ्र्यू होने और कोई साधन नहीं होने के कारण वे अस्पताल नहीं जा पाए। महिला मजदूरों की सहायता से ही टापरी में ही प्रसव कराया। मां और नवजात दोनों स्वस्थ्य हैं। इसकी जानकारी पड़ौस में रहने वाली महिला को मिली तो उसने पास के निर्माधीन मकान में पलंग, पंखा और कपड़ों की व्यवस्था की। बालू से जब पूछा कि अस्पताल क्यों नहीं ले गए तो उसने कहा, उनके पास राजस्थान का आधार कार्ड या कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं है।
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ऐसे में उन्हें अस्पताल में सुविधाएं कैसे मिलती। वहीं संक्रमण का डर था और कफ्र्यू के चलते कुछ समझ नहीं आया कैसे और किस अस्पताल में जाएं। क्या करें साहब गरीब आदमी हूं, कई मुश्किलें सामने थीं। पत्रिका की सूचना पर शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. मुकेश सुवालका और प्रसव विशेषज्ञ डॉ. निधि बंसल ने फोन पर परामर्श उपलब्ध कराया और कभी भी जरूरत पडऩे पर चिकित्सकीय सहायता का आश्वासन दिया। शाम होते-होते कॉलोनी की महिलाएं एक-एक करके हालचाल पूछने आई। यह बच्चा कॉलोनी में दुलारा हो गया है। कोई उसे लॉकडाउन के नाम से पुकार रहा है तो कोई सेनेटाइजर नाम रखने का सुझाव देता नजर आया।

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