6 श्रमिकों को जिम्मा : कॉलोनी की चारदीवारी की कुल लम्बाई 550 मीटर है। कॉलोनी में 50 फ्लैट, उच्च अधिकारियों के आधा दर्जन बंगले बने हुए हैं। यहां आधा दजज़्न छोटे-बड़े गार्डन बने हैं। मुख्य सड़क के दोनों फुलवारी व छायादार पेड़ हैं। कॉलोनी की सफाई, पौधों के रखरखाव के लिए आधा दर्जन श्रमिक लगे हुए हैं। ये दिनभर कॉलोनी के बगीचे, सड़क घरों के आसपास की साफ-सफाई में लगे रहते हैं।
100 प्रजातियों के पेड़ पौधे : यहां के अधिकारियों का कहना है कि वन्य जीव विभाग द्वारा कराए गए सर्वेक्षण के आधार पर इस कॉलोनी में 22 प्रजातियों के पक्षियों का बसेरा है। वहीं 100 से अधिक प्रजातियों के पेड़-पौधे लगे हुए हैं।
चम्बल नदी के सुल्तान ने नहीं किया इंसानी दखल बर्दाश्त, मगरमच्छ ने कर डाला मछुआरे का शिकार पूरा जिम्मा कमेटी को : कोटा के अपर आयकर आयुक्त डॉ. रण सिंह, का कहना है कि कॉलोनी के रख रखाव, स्वच्छता, सफाई के लिए आयकर अधिकारियों, इंस्पेक्टर्स की चार सदस्यीय कमेटी है। सफाई में कहीं भी नगर निगम का सहयोग नहीं है।
रहवासियों की भी भागीदारी : कॉलोनी की निवासी प्राची गोयल ने कहा कि हम पहले
उदयपुर में रहते थे, लेकिन ऐसी स्वच्छता, सुंदरता वहां भी नहीं थी। हम तो चाहते हैं कि अन्य कॉलोनियों में भी ऐसी ही साफ-सफाई रहे। स्मिता सिन्हा का कहना है कि कॉलोनी की साफ-सफाई में कमेटी सदस्यों, श्रमिकों के साथ ही यहां के बाशिंदों की भी भागीदारी है। सभी सफाई के प्रति जागरूक हैं। वहीं निक्की श्वेता बोली की यहां की हरियाली, पक्षी, स्वच्छ-सुंदर वातावरण को देखकर कॉलोनी से बाहर जाने की भी इच्छा नहीं होती।