नहीं थम रहा तलवार सी तेज धार वाले मांझे का कारोबार, कोई बरतन में छुपा रहा तो कोई कहीं और
सब बुछ बेखौफ: कहां कैसे मिले हाल
कुन्हाड़ी थाना – रोडवेज वर्कशॉप व बालिता रोड
कुन्हाड़ी रोडवेज वर्कशॉप के सामने एक पतंग विक्रेता द्वारा मुख्यमार्ग पर ही चायनीज मांझा बेचा जा रहा है। यहां से दिनभर में कई बार कुन्हाड़ी थाना पुलिस गश्त करती निकलती है, लेकिन किसी ने पतंग विक्रेता की जांच नहीं की। इसी प्रकार बालिता रोड पर लगने वाली पतंगों की दुकान पर भी खुलेआम चायनीज मांझा बेचा जा रहा है।
गुमानपुरा चौकी से महज कुछ ही दूरी पतंग विक्रेताओं द्वारा खुले आम चायनीज मांझा बेचा जा रहा है। पुलिस चौकी होने के कारण यहां पर दिनभर कई बार पुलिस कर्मियों व पुलिस के अधिकारियों का आना-जाना लगा रहता है, लेकिन विक्रेताओं के इस बाद से कोई भी फर्क नहीं पड़ रहा है।
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मकबरा थाना – पाटनपोल
मकबरा थाने से महज 500 मीटर दूर ही बहुत सारी पतंग की दुकानें लगी हैं। अधिकतर दुकानों पर चायनीज मांझा धड़ल्ले से बेचा जा रहा है, लेकिन कभी पुलिस ने यहां कार्रवाई नहीं की है। सुबह से शाम तक इन दुकानों पर बड़ी मात्रा में ये मांझा बेचा जा रहा। दुकानदारों के हौसले बुलंद हैं। कोतवाली थाना – रामपुरा बाजार में बदल गया मांझे का नाम
यहां तो चायनीज मांझे का नाम तक बदल दिया गया है। पतंग विक्रेताओं ने मांझे का नाम ‘मोनो काइटÓ डाल दिया है। हालांकि जब ‘पत्रिका संवाददाताÓ ने पतंग विक्रेताओं से चायनीज मांझे की मांग की तो उनका कहना था कि भाई साहब यह वही है सिर्फ नाम बदल दिया है।
नगर निगम के अतिक्रमण निरोधक दस्ते ने शनिवार को डीसीएम व कंसुआ क्षेत्र में चायनीज मांझे का जब्त किया। दस्ते के सहप्रभारी श्याम शर्मा ने बताया कि डीसीएम व कंसुआ क्षेत्र में लगने वाली दो दर्जन से अधिक पतंग दुकानों की जांच कर करीब 45 चायनीज मांझे की चकरी जब्त की। साथ ही पतंग विक्रेताओं को हिदायत दी।
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सरकार ने ये दिए आदेश
सरकार ने प्लास्टिक, सिन्थेटिक, चाइनीज, हानिकारक पदार्थ, लोहा, ग्लास आदि से निर्मित धागे का निर्माण व उपयोग नहीं करने की हिदायत दी है। इसके लिए उच्च न्यायालय के वर्ष 2012 के उस आदेश का भी हवाला दिया है जिसमें प्रतिबन्ध की सख्ती से पालना के लिए कहा है। स्वायत्त शासन विभाग ने सभी नगरीय निकायों को पालना सुनिश्चित करने निर्देश दिए हैं। साथ ही पुलिस विभाग को आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा है। सुबह 6 से 8 और शाम 5 से 7 बजे तक पतंग उड़ाने को भी प्रतिबन्धित किया है।
चाइनीज ही नहीं, सभी तरह के धातु मिश्रित मांझे भी लोगों के लिए जानलेवा हैं। इसके मद्देनजर जुलाई 2017 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ,एनजीटी ने देशभर में मांझे पर रोक लगा दी थी। इसके तहत चाइनीज मांझे, नायलॉन धागे,कांच लगे धागे मांझा खरीदने बेचने और इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया था। साथ में कांच, मैटल पाउडर के कोट लेप वाले मांझे पर भी पाबंदी लगाई है। इसके बावजूद शहर में इनकी बिक्री थम नहीं पा रही है।
पतंगबाजी के दौरान मांझे से घायल पक्षियों का ह्यूमन हेल्प लाइन के सदस्यों ने मौके पर जाकर उपचार किया एवं सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। कार्यकर्ता पक्षियों को दादाबाड़ी स्थित प्राथमिक चिकित्सा केंद्र पर लाए जहां उनका प्राथमिक उपचार किया गया। रामपुरा, महावीर नगर तृतीय,केशवपुरा सेक्टर 7,स्टेशन क्षेत्र,नयापुरा से ह्यूमन हेल्पलाइन के संयोजक मनोज जैन आदिनाथ को फोन पर जानकारी मिली कि पतंग की ड़ोर से पक्षी घायल हो गए हैं। इस पर टीम के साथ मौके पर पहुंचे। करीब आधा दर्जन पक्षियों का उपचार कर उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।